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प्राचीन भारत के ऐतिहासिक स्रोत |

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प्राचीन भारत के ऐतिहासिक स्रोत क्या  है ?

==> प्राचीन भारत के ऐतिहासिक श्रोत को हम तीन भागों में बांट कर पढ़ते है | 

01. पुरातात्विक साक्ष्य 02. विदेशी यात्रियों का विवरण 03. साहित्यिक साक्ष्य

==> पुरातात्विक साक्ष्य को भी हम पांच आधार मानकर पढ़ते है , भौतिक अवशेष , सिक्का , अभिलेख ,मूर्ति , और मुहर |

==> प्राचीन भात के इतिहास के सबसे अधिक प्रमाणिक स्रोत पुरातात्विक स्रोत है ,जहा से मूर्ति , भवन , अभिलेख ,सिक्का इत्यादि प्रमाण मिले है |

==> पुरातात्विक स्रोत को दो तरीकों से खोदा जा है =01 उर्ध्वधार उत्खनन , 02 क्षैतिज उत्खनन ,खैतिज उत्खनन के माध्यम से उस सभ्यता के सम्पूर्ण स्वरूप का पता लगाया जाता है ,जबकि उर्ध्वधार उत्खनन से उस सभ्यता के संस्कृति की कार्यकाल यानी की वह संस्कृति कितनी वर्ष पुरानी है की जानकारी प्राप्त होता है |इन उत्खनन से प्राप्त वस्तुओं की आयु का पता लगाने के लिए रेडियो कार्बन डेटिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है |


* सिक्का *

==> सिक्का के अध्ययन को न्यूमेस्मेटिक कहा जाता है |भारत में प्राप्त प्रारंभ स्तर के सिक्को को आहत सिक्का या पंचमार्क सिक्का कहा जाता है |पंचमर्क सिक्का का अर्थ होता है की इन सिक्को पर कोई लेख लिखा नही होता था इन सिक्को पर केवल अलग अलग - अलग प्रकार के चित्र अंकित किया हुआ रहता था |जैसे ; मछली ,पेड़ ,पशु ,इत्यादि |

==> पंचमार्क सिक्को को सर्वप्रथम 1800 ई में तमिलनाडु के कोयंबटूर से प्राप्त किया गया था , जिसे प्रोफेसर कर्नल कोल्डवेल के द्वारा खोजा गया था |

==> भारत में सर्वप्रथम लिखित या तिथि अंकित सिक्का प्रचल का देन हिंद यूनानी शासक को माना जाता है |

==> इन सिक्को का उपयोग व्यापारी वर्ग के लोग ज्यादा करते थे , वे इन सिक्को से स्थानीय और सीमा पर करने के लिए किया करते थे |


$ सर्वाधिक मात्रा में सोने के सिक्के जारी करने वाला शासक              = गुप्त शासक

$ सर्वाधिक संख्या में तांबे के सिक्के जारी करने वाला शासक             = कुषाण शासक

$ सीसा और टीन का सिक्का चलाने वाला शासक                              = सातवाहन शासक

$ सर्वाधिक सिक्के जारी करने वाला शासक                                       = मौर्य शासक


@ पुरालेख किसे कहते है ?

==> अभिलेखों के अध्ययन को पुरालेख या इपिग्राफी कहते है |


@ पैलियोग्राफी किसे कहते है ?

==> प्राचीन लिपियों के अध्ययन को पैलियोग्राफी कहते है |

==> भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल में अधिकतर अभिलेख चट्टान ,मुहर , स्तंभ , या फिर मंदिरों पर उत्कीर्ण किए हुए दिखाई देते है |इन अभिलेखों से सामान्य जनता वहा के शासक ,रहन सहन , सामाजिक और संस्कृतियों के बारे में जानकारी मिलती है |

==> मौर्य ,मौर्योत्तर ,और गुप्त काल के अधिकांश अभिलेख का संकलन किस ग्रंथ में किया गया है | = कॉर्पस इंस्क्रिप्शन इंडीकेरम नामक ग्रंथ में किया गया है |

==> वर्तमान में सबसे अधिक अभिलेखों का संग्रह कहा है ? मैसूर संग्रहालय

==> अशोक के अभिलेखों में किन किन लिपियों का प्रयोग किया गया है ? ब्राह्मी , खरोष्टी ,आर्माइक ,और ग्रीक


$ अभिलेखों में प्रयुक्त लिपियों के विशेषताएं -

==> जो प्रारंभिक काल की लिपियों होती थी उसे प्राकृत लिपि कहा जाता है , और जो लिपि दाएं से बाएं लिखी जाती हो उसे खरोष्टी लिपि कहा जाता था ,और जो लिपि बाए से दाएं लिखी जाती थी उसे ब्राह्मी लिपि कहा जाता है |


यूनानी और आर्माइक लिपि का प्रयोग सामान्यतः पाकिस्तान और अफगानिस्तान में किया जाता था |

==> सर्वप्रथम 1837 में जेम्स प्रिंसेप के द्वारा अशोक के शिलालेख पढ़ने के क्रम में ब्राह्मी लिपि का खोज हुआ |अभी तक ज्ञात अभिलेखों में सबसे प्राचीन अभिलेख = बोगाजकोई अभिलेख है |

==> बोगाजकोई अभिलेख पर इंद्र ,वरुण,मित्र ,और नासत्य जैसे वैदिक देवताओं का जानकारी मिलती है |

==> बोगाजकोई अभिलेख की खोज 1907 ह्यूग्रो विंकलर के द्वारा किया गया था |

# कौन सा शासक किस अभिलेख से संबंधित है ?

  • जूनागढ़ अभिलेख (गुजरात )                              :रुद्रदामन
  • भीतरी स्तंभ लेख ( गाजीपुर up )                        : स्कंद गुप्त
  • हाथी गुफा अभिलेख                                          : कलिंग राजा खारवेल
  • एहोल अभिलेख                                                : चालुक्य राजा पुलकेशीन द्वितीय
  • ग्वालियर प्रशस्ति अभिलेख                                : प्रतिहार राजा ,राजा भोज
  • देवपाड़ा का अभिलेख                                        ; विजय सेन
  • मधुवन एवम बांस खेड़ा का अभिलेख                 : वर्धन वंश का शासक हर्षवर्धन
  • मंदसौर प्रशस्ति अभिलेख                                   : मालवा नरेश यशोवर्मन
  • नासिक अभिलेख                                               : सातवाहन शासक गौतमी बालश्री

# अभिलेखों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य ....

  • रुद्रदामन का जूनागढ़ अभिलेख संस्कृत भाषा में लिखित प्रथम अभिलेख है |
  • एहोल अभिलेख पुलकेशिन द्वितीय के दरबारी कवि कीर्ति द्वारा लिखा गया है |
  • करुवाकी एवम तिवर का उल्लेख अशोक के प्रयाग स्तंभ लेख में मिलता है |
  • प्रयाग प्रशस्ति की रचना हरिषेन के द्वारा किया गया है |
  • भानु गुप्त के येरन अभिलेख में सर्वप्रथम सती प्रथा का लिखित साक्ष्य उल्लेखित है (गोपराज नमक सैनिक की पत्नी )
  • हुणो के आक्रमण का उल्लेख स्कंद गुप्त के भीतरी अभिलेख से मिलता है |
  • चंद्रगुप्त द्वितीय के विजय अभियानों का वर्णन महरौली स्तंभ लेख से मिलता है |

$ विदेशी यात्रियों का विवरण संबंधी महत्वपूर्ण तथ्य $

  • प्राचीन काल में भारत का रोमन साम्राज्य के साथ व्यापार होता था जिसकी जानकारी हमें प्लिनी के प्रसिद्ध पुस्तक नेचुरल हिस्ट्री से मिलता है |
  • हिस्तोरिका नामक पुस्तक की रचना : हेरोडोटस
  • इंडिका नामक पुस्तक की रचना : मेगास्थनीज
  • ज्योग्राफी नमक पुस्तक के रचनाकार टॉलमी थे जिन्होंने अपनी पुस्तक में प्राचीन भारतीय भूगोल एवम वाणिज्य की जानकारी देता है |
  • फहयान चंद्रगुप्त द्वितीय के दरबार में आया था जिन्होंने फोगुओजी नामक पुस्तक की रचना किया और उसमें सामाजिक आर्थिक और धार्मिक स्थिति का वर्णन किया |
  • ह्येनसांग हर्षवर्धन के समय में भारत आया था , और इनकी रचना का नाम सी यू की है |
  • इत्सिंग नामक चीनी लेखक नालंदा और विक्रमशिला विश्विद्यालय का वर्णन किया है |
  • अल्मशुदी 957 ई में भारत आया था और उन्होंने " मह्याल जहां " की रचना किया जिसमें उसने प्रतिहार ,पाल और ,राष्ट्रकूट शासकों के बीच शत्रुता और राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के बारे में जानकारी दी |ये गणितज्ञ एवम ज्योतिष शास्त्री थी जो की महमूद गजनवी के साथ भारत आया था जब वे सोमनाथ मंदिर पर अकरम किया था |

$ कुछ महत्वपूर्ण तथ्य $

  • 1789 में सर विलियम जोन्स ने अभिज्ञान शकुंतलम का अंग्रेजी में अनुवाद किया है |
  • 1785 में भागवत गीता का अंग्रेजी अनुवाद विल्किंस के द्वारा किया गया है |
  • अर्ली हिस्ट्री ऑफ इंडिया नामक पुस्तक की रचनाकार विंसेंट आर्थर स्मिथ है |

$ प्राचीन भारत की साहित्यिक श्रोत $

  • ऋग वेद , साम वेद , यजुर्वेद , अथर्ववेद ,रामायण ,महाभारत , गीता , जैन ग्रंथ ,बौद्ध ग्रंथ , संगम साहित्य इत्यादि ग्रंथ को साहित्यिक श्रोत माना जाता है |
  • भारत में स्थित सर्वाधिक प्राचीन पांडुलिपि = बर्च की छाल और ताड़ के पत्तो पर लिखी गई थी |
  • कौटिल्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र से हमें मौर्य साम्राज्य के अर्थव्यवस्था और राजनीतिक जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त होती है |
  • पुराणों के रचयिता " लोमहर्ष " को माना जाता है , पुराण से हमे गुप्त वंश के बारे में जानकारी मिलती है |
  • रामायण और महाभारत से हमें भारत की संस्कृति और सभ्यता के बारे में जानकारी मिलती है |
  • रामायण को चतुर्विष्टि सहष्ट्री संहिता और महाभारत को जय संहिता के नाम से जाना जाता है |

$ कुछ प्रमुख रचना और उसके रचनाकार $

  • अष्टाध्यायी : पाणिनी
  • कथासरीतसागर : सोमदेव
  • महाभाष्य ; पतंजलि
  • वृहत्कथमंजरी : क्षेमेंद्र
  • अर्थशास्त्र : कौटिल्य
  • नीतिसार : कमंदक
  • मालविकागनिमित्रम : कालिदास
  • मृछकटिकम : शुद्रक
  • हर्षचरित : बाणभट्ट
  • रामचरित :संध्याकार नंदिनी
  • पृथ्वीराजसो : चंदबरदाई
  • राजतरंगिणी : कल्हण

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