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पदार्थ का भौतिक परिवर्तन और उनका वर्गीकरण

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पदार्थ का भौतिक वर्गीकरण

पदार्थ का भौतिक परिवर्तन और उनका वर्गीकरण जाने सबकुछ विस्तार से सिर्फ www.dailyprime247.in



* पदार्थ किसे कहते है ?

वे सभी वस्तुएं जो स्थान घेरती हो ,जिसमें द्रव्यमान हो ,जो दाब डाल सके, अवरोध उत्पन्न करता हो ,तथा जिन्हे हम अपनी ज्ञानेंद्रियों के द्वारा महसूस करते हो उसे पदार्थ कहते है |जैसे -पेड़, पौधा, पर्वत ,मनुष्य , मिट्टी ,घर, गाड़ी , इत्यादि |


पदार्थ के गुण धर्म क्या -क्या है ?



पदार्थ के गुण धर्म
==> सभी पदार्थ अत्यंत ही सूक्ष्म कणों से मिलकर बना होता है |यह अवधारणा सबसे पहले ऋषि कणाद ने ही दिया था |इन कणों को ही परमाणु (atom) कहते है |
==> पदार्थ के कण हमेशा निरंतर गतिशील रहते है ,और इन्हे जब गर्म करते है तब इनकी गति और बढ़ जाती है |
==> सभी पदार्थ के कण हमेशा एक दूसरे को आकर्षित करते रहते है ,इस आकर्षण बल को पदार्थ का अंतरांविक बल कहा जाता है ,और इन पदार्थों के बीच के खाली स्थान को अंतरांविक स्थान को अंतरांविक स्थान कहते है |
==> अलग अलग पदार्थ के बीच अंतरांविक बल और स्थान अलग अलग होता है |
==> सभी पदार्थ अत्यंत ही सूक्ष्म कणों से मिलकर बना होता है ,लेकिन सभी पदार्थ के सूक्ष्म कण एक जैसे नहीं होते है |

पदार्थ के भौतिक अवस्था के आधार पर पदार्थ को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है |



पदार्थ के प्रकार
01. ठोस 02. द्रव 03. गैस

पदार्थ का भौतिक परिवर्तन और उनका वर्गीकरण  जाने ठोस ,द्रव,और गैस के सभी कारकों के बारे में सबकुछ विस्तार से www.dailyprime247.in पर |



* पदार्थ की ठोस अवस्था के गुणधर्म ?
==> सभी ठोस पदार्थ के आकृति और आयतन निश्चित होता है |
==> ठोस में अंतरांविक स्थान बहुत ही कम ,और अंतरांविक बल बहुत ज्यादा होता है |
==> किसी भी ठोस पदार्थ पर अगर बाहरी बल का प्रयोग नहीं किया जय तो ,इसके आकार और आयतन में कोई परिवर्तन नहीं होता है |इसके ऊपर दाब का भी कोई असर नहीं होता है |
==> सभी ठोस पदार्थ के क्वाथानंक , गलनांक,और घनत्व हमेशा द्रव और गैस से ज्यादा होता है |
==> किसी भी ठोस पदार्थ में बहाव की प्रवृति नही होती है |
==> ठोस पदार्थ में अंतरांविक बल नगण्य होने के कारण ये काफी मजबूत और कठोर होते है |इस कारण इसे संपिडीत नही किया जा सकता है |
==> सामान्य ताप पर ठोस पदार्थ कभी भी गैस की भाती विसरित,और द्रव की भाती वास्पीकृत नही होता है |
==> किसी भी ठोस पदार्थ को गर्म करने पर या ठंडा करने पर क्रमशः प्रसार और संकुचन बहुत ही कम होता है |


ठोस के प्रकार
01. क्रिस्टलिय ठोस 02. अक्रिस्टलिय ठोस
* क्रिस्टलिय ठोस ही वास्तविक ठोस होता है ,इसकी प्रकृति रवादार प्रकार की होती है |
* इस ठोस के अणु और परमाणु की आकृति निश्चित रहते है |
* इसका द्रवणांक निश्चित होता है ,और इसके ऊपर ताप या दाब का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है ,और अगर पड़ता भी है तो न के बराबर |
* इसके भौतिक गुण भिन्न भिन्न स्थानों पर अलग अलग होता है |
* इसके कुछ उदाहरण है -चीनी ,नामक इत्यादि |
==> अक्रिस्टलिय ठोस पदार्थ को आभासी ठोस पदार्थ कहा जाता है |
==> इस ठोस के अणु और परमाणु एक निश्चित अवस्था में व्यस्थित नही होते है , इनकी आकृति निश्चित नहीं होता है |
==> इसके अंदर कठोरता की कमी पाई जाती है ,जिसके कारण इसके ऊपर बाह्य बल लगने पर ये आसानी से टूट कर बिखर जाते है |
==> गर्म करने पर ये मुलायम और बहने लगता है |
उदाहरण : कांच , रबड़,प्लास्टिक इत्यादि

द्रव के प्रकार
* द्रव पदार्थ का अंतरांविक बल ठोस पदार्थ के अंतरांविक बल से कम होता है ,और गैस पदार्थ से ज्यादा |
* द्रव का आयतन निश्चित होता है ,लेकिन आकृति निश्चित नहीं होता है ,ये जिस वस्तु में रेखा जाता है ,ये उसी का रूप अपना लेती है |
* इसका घनत्व ,द्रवनांक , तथा क्वाथानंक ठोस की अपेक्षा कम होता है और गैस की अपेक्षा अधिक होता है |
* द्रव पदार्थ को संपीडीत नही किया जा सकता है ,लेकिन इसके अंदर ठोस के मुकाबले अंतरांविक स्थान ज्यादा होने के कारण इसे कुछ हद तक संपिडीत किया जा सकता है |
* द्रव में अंतरांविक स्थान कम होने के कारण ये तरल अवस्था में पाया जाता है |
* द्रव पदार्थ में एक खास प्रवृति होती है ,ये ऊपरी सतह से धीरे धीरे वाष्पीकृत होते रहता है |
* द्रव पदार्थ में वर्जन का गुणधर्म पे जाता है ,जिस कारण ये आपस में दूसरे द्रव से आसानी से घुल मिल जाते है |

गैसीय अवस्था
>>> गैसों में अंतरांविक स्थान सबसे ज्यादा और अंतरांविक बल सबसे कम होता है |
>>> गैसों में आकृति और आकार दोनो अनिश्चित होता है |इसे जिस भी बर्तन में रखा जाता है यह उसी का रूप ग्रहण कर लेता है |
>>> गैसीय पदार्थ में घनत्व , द्रवणांक , और क्वथनांक तीनो सबसे कम होता है |इसमें अंतरांविक स्थान सबसे अधिक होने के कारण इसे किसी ठोस बंद बर्तन या सिलेंडर में compress करके इसे संपीडीत किया जा सकता है |
>>> सभी गैसीय पदार्थ में विसरन की स्थिति पाई जाती है जिस कारण इसे जिस भी बर्तन में रखा जाता है यह उस बर्तन के सभी दीवारों पर दबाव डालती है |

पदार्थ की चौथी अवस्था क्या है ?
==> पदार्थ की चौथी अवस्था प्लाज्मा है |
==> प्लाज्मा अवस्था में पदार्थ का तापमान अतिउच्च होता है ,जैसे - सूर्य , | हमारे ब्रह्मांड का लगभग 96 % भाग प्लाज्मा ही है |
==> यह अवस्था गैस के अवस्था के ही समान है ,जिस कारण इसमें आकार और आयतन दोनो अनिश्चित होता है |इसमें पदार्थ आयन के रूप में होता है |
==> प्लाज्मा अवस्था की खोज सर्वप्रथम 1879 ई में विलियम क्रुक्स के द्वारा किया गया था |

पदार्थ की पांचवी अवस्था क्या है ?
* पदार्थ की पांचवी अवस्था बोस आइंस्टीन कांडेंसेट को कहा जाता है |
* इस अवस्था की पहचान सर्वप्रथम भारतीय वैज्ञानिक " सत्येंद्र नाथ टैगोर के द्वारा किया गया था |इसके बाद इसकी पहचान आइंस्टीन के द्वारा किया गया ,इसी लिए इसका संयुक्त रूप से नाम " बोस आइंस्टीन कांडेंसेट" रखा गया है |
* इस अवस्था में पदार्थ का तापमान परम शून्य हो (-273 डिग्री ) जाता है |
* इस अवस्था में सभी कण आपस में मिल जाते है और एक सुपर atom का निर्माण करते है |


>>>>>> ठोस, द्रव ,और गैस तीनो में क्या क्या अंतर है ? <<<<<<<<<




ठोस द्रव गैस
* इसका आकार और आयतन दोनो निश्चित होता है |* इसका आकार अनिश्चित और आयतन निश्चित होता है |* इसका आकार और आयतन दोनो अनिश्चित होता है |
* इसका अंतरांविक स्थान नगण्य ,और अंतरांविक बल अत्यधिक होता है * इसका अंतरांविक स्थान ठोस से ज्यादा लेकिन द्रव से कम होता है ,और अंतरांविक बल ठोस से कम लेकिन गैस से ज्यादा होता है * इसका अंतरांविक स्थान ,सबसे ज्यादा और बल सबसे कम होता है |
* बहाव की प्रवृति नही होती है |* इसमें बहाव की प्रवृति होती है, लेकिन विसरन की प्रवृति बहुत कम होती है |* इसमें बहाव /विसरन की प्रवृति सबसे अधिक होती है
* ठोस को ऊष्मा देने पर इसमें प्रसार बहुत कम होता है |* इसमें ऊष्मा देने पर प्रसार गैस की अपेक्षा थोड़ा कम होता है |* इसमें ऊष्मा देने पर प्रसार की प्रवृति सबसे अधिक होता है |
* इसे किसी बर्तन में compress करके नही रख सकते है |* इसको कुछ हद तक compress करके रख सकते है |* इसे हम आसानी से किसी सिलेंडर में compress करके रख सकते है |

पदार्थ के तीनो अवस्थाओं को एक दूसरे में परिवर्तित किया जा सकता है |


* पदार्थ के तीनो अवस्था को एक दूसरे में तापमान के माध्यम से कर सकते है | * ठोस अवस्था को गर्म करने पर ,यह द्रव अवस्था धारण करता है और ,जब द्रव अवस्था को गर्म करते है ,तब वह गैसीय अवस्था धारण कर लेता है | * और जब गैसीय अवस्था को ठंडा करते है तब वह द्रव अवस्था धारण करता है और जब द्रव अवस्था को ठंडा करते है तब यह ठोस अवस्था का रूप धारण कर लेता है |


* किसी भी पदार्थ को गर्म करना आसान और काम खर्चीला है लेकिन ठंडा करना कठिन और ज्यादा खर्चीला है |


* पदार्थ के गैसीय अवस्था को गर्म करते रहने पर चौथी अवस्था प्लाज्मा की प्राप्ति होती है |


* पदार्थ की ठोस अवस्था को ठंडा करते रहने पर पदार्थ की पांचवी अवस्था - BEC ( बोस आइंस्टीन कंडनसेट ) प्राप्त होता है |


जानिए पदार्थ की वास्थाओं के बारे में विस्तार से

* द्रवणांक किसे कहते है ?


कोई भी ठोस पदार्थ जिस तापमान पर द्रव अवस्था में बदलता है , उस ताप को पदार्थ का द्रवणांक कहते है |


* गलनंक किसे कहते है |


किसी भी ठोस पदार्थ का द्रव में परिवर्तित होना गलनाँक कहलाता है |


* हिमांक किसे कहते है ?


जिस ताप पर द्रव अवस्था ठोस अवस्था में बदल जाता , उस ताप को द्रव पदार्थ का हिमांक कहते है |,और द्रव का ठोस में आना जमना कहलाता है |


* क्वाथनांक किसे कहते है |


जिस ताप कर द्रव अवस्था गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाता है ,उसे उसे उस ताप का क्वथनाक कहते है |और द्रव अवस्था गैसीय अवस्था में जब आता है तब उसे " क्वाथन "कहते है


* संघनन बिंदु ?


जिस ताप पर गैसीय पदार्थ द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाता है , उस ताप को गैसीय पदार्थ का संघनन बिंदु कहते है |और गैसीय पदार्थ का द्रव में बदलना " संघनन " कहलाता है |


* किसी भी पदार्थ का हिमांक तथा गलनांक एक ही ताप बिंदु होता है | और उस ताप बिदु पर द्रव और ठोस का तापीय मान समान होता है |


* किसी एक पदार्थ का क्वाथानांक तथा संघनन बिंदु दोनो एक ही होता है |



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