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पदार्थों का रासायनिक वर्गीकरण

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पदार्थों का रासायनिक वर्गीकरण


पदार्थ का रासायनिक वर्गीकरण तीन प्रकार से किया जाता है | 01. तत्व 02. यौगिक 03. मिश्रण



==> तत्व और यौगिक शुद्ध पदार्थ होता है ,लेकिन मिश्रण अशुद्ध पदार्थ होता है |


==> प्रकृति में निर्मित मूल पदार्थ " तत्व " है ,


==> यौगिक और मिश्रण का निर्माण तत्व से ही होता है |


तत्व ( Element)


==> तत्व किसे कहते है ?


* वैसे पदार्थ जिसे भौतिक या रासायनिक विधियों द्वारा दो या दो से अधिक पदार्थों में विभाजित नही किया जा सकता है |और न ही इसे बनाया जा सकता है |



* कोई भी तत्व एक ही प्रकार के परमाणु से मिलकर बना होता है |


* अभी तक पृथ्वी पर कुल 118 तत्वों की खोज हो चुकी है |


* प्रत्येक तत्व का गुण धर्म दूसरे किसी भी तत्व से बिलकुल अलग होता है | तत्वों को उसके रासायनिक संकेतो के माध्यम से दर्शाया जाता है |


* कोई भी तत्व साधारण ताप एवं दाब पर ठोस ,द्रव ,और गैस तीनो अवस्था में रह सकता है |तत्व के उदाहरण निम्न है : ऑक्सीजन ,सोना , पारा, लोहा , क्लोरिन ,चांदी etc


किसी भी तत्व को उनके भौतिक और रासायनिक आधार पर हम तीन भागों में विभाजित करते है : 01 धातु 02. अधातु 03. उपधातु


धातु अधातु उपधातु
* यह मुख्य रूप से कठोर होते है ,तथा विद्युत के सुचालक होते है |
* इसमें चमक और अघातवर्धनीयता का गुण पाया जाता है |
* वैसे तत्व जिनमें धातु के समान गुणधर्म नही पाया जाता है ,और जो विद्युत का कुचलक हो अधातु कहलाता है |
* अभी तक कुल 22 अधातु की खोज हो चुकी है |
* वैसे तत्व जिनमें धातु और उपधातु दोनो के गुण पाए जाते है ,उसे उपधातु कहते है |उदाहरण के लिए : सिलिकन ,आर्सेनिक , एंटीमैनी, बिस्मथ इत्यादि |
* अभी तक प्राप्त तत्वों में लगभग 80 % तक धातु ही है |* अधिकांश अधातु गैसीय अवस्था मेंरहता है , और अधातु में चमक जैसी कोई गुण नहीं पाया जाता है |
* धातु के उदाहरण ; लोहा ,चांदी ,एल्यूमीनियम , सोना , सोडियम etc * अधातु कठोर तो होते है ,लेकिन ये भंगुर होते है ,इसपर बाहरी किसी चीज से चोट मरने पर आसानी से टूट जाते है |
* इसमें तान्यता का गुण मौजूद रहता है |* इसमें चमक नही पाया जाता है ,और ये अघातवर्धनीयता का गुण नहीं रखते है ,और न ही धातु के जैसे तनय होता है | उदाहरण ; ऑक्सीजन ,नाइट्रोजन , कार्बन , सल्फर , फास्पोरस etc

यौगिक क्या होता है ?


किसी भी यौगिक का निर्माण दो या दो से अधिक तत्वों के एक निश्चित अनुपात रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप में मिलने से बनता है |यौगिक के प्रमुख गुण क्या क्या है -


यौगिक के प्रमुख गुणधर्म
* किसी भी यौगिक का निर्माण रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप होने से होता है |
* कोई भी यौगिक जिन तत्वों से मिलकर बना होता है , उस बने यौगिक में बनाने वाले तत्व का गुण नहीं पाया जाता है |
* किसी भी यौगिक के अवयव तत्व को भौतिक विधि से अलग नहीं किया जा सकता है लेकिन रसैनिक विधि से अलग किया जा सकता है |
* किसी भी यौगिक के अव्यवी तत्व एक निश्चित भार अनुपात में होता है |
* किसी भी यौगिक द्रव्यमान और क्वाथानंक निश्चित होता है |
* यौगिक एक शुद्ध पदार्थ है ,जिसका निर्माण एक सूक्ष्मतम कणों से मिलकर बना होता है |
* यौगिक ठोस ,द्रव, और गैस तीनो अवस्था में मौजूद है ,इसे रासायनिक सूत्र के द्वारा दर्शाया जाता है |
उदाहरण ; चुना , चुना पत्थर , अमोनियम क्लोराइड , सोडियम क्लोराइड इत्यादि |

तत्व यौगिक
* कोई भी तत्व एक समान परमाणु से मिलकर बना होता है *यौगिक दो या दो से अधिक परमाणुओं से मिलकर बना होता है ,
लेकिन यह समान प्रकार के अणुओं से मिलकर बना hota hai
* तत्व सिर्फ एक ही पदार्थ के बने होते है ,इन्हे एक से अधिक पदार्थों में विभाजित नही कर सकते है |* लेकिन यौगिक का विभाजन उनके सभी अव्यावी तत्वों में रासायनिक विधि के माध्यम से किया जा सकता है |
* तत्व का रासायनिक गुण यौगिक से अलग होती है |
* तत्वों में अपररूपता का गुण पाया जाता है |*योगिको में अपररूपता का गुण नहीं पाया जाता है |
* तत्व को रासायनिक संकेत के द्वारा निरूपित किया जाता है |* योगिकों को रासायनिक सूत्र के द्वारा निरूपित किया जाता है |
* अभी वर्तमान में कुल 118 तत्वों की खोज हो चुकी है |* इन्ही तत्वों के रासायनिक अभिक्रिया के माध्यम से यौगिक का निर्माण होता है |
* तत्वों को धातु और अधातू में बाटा गया है |* यौगिक को अम्ल,भस्म ,और क्षार में ,विभाजित किया जाता है |

मिश्रण किसे कहते है ?
* मिश्रण बनाने के दौरान रासायनिक अभिक्रिया नही होता है |मिश्रण भौतिक परिवर्तन से बनता है |
* मिश्रण को उसके अव्यव के आधार पर अलग कर सकते है ,और यौगिक को साधारण भौतिक विधि द्वारा अलग कर सकते है |
* मिश्रण का द्रवणांक और क्वाथानंक निश्चित नहीं रहता है |
* मिश्रण दो प्रकार के होते है : 01 समंगी मिश्रण 02. विषमागी मिश्रण

समांगी मिश्रण विषमागी मिश्रण
*वैसे मिश्रण जिनका गुण धर्म सभी समान होता है , समंगी मिश्रण कहलाता है |
* समांगी मिश्रण को सूक्ष्मदर्शी से भी नही देखा जा सकता है |* इसे सूक्ष्मदर्शी और नंगी आंखों से देखा जा सकता है |
* इसे विलयन भी कहा जाता है |* इसे निलंबन और कोलाईड में बाटा जाता है |
* शरबत , हवा , सभी मिश्रधातु , पेट्रोलियम इत्यादि * प्रदूषित हवा , प्रदूषित जल , पनीर , रक्त , दूध इत्यादि

मिश्रण के प्रकार
* ठोस_ठोस मिश्रण ==> पीतल,सोना ,चांदी ,इत्यादि का आभूषण |
* ठोस _ द्रव मिश्रण==> अमलगाम और जल में घुला ग्लूकोज |
* ठोस _ गैस मिश्रण ==> धुआं,और खेती योग्य भूमि की मिट्टी |
* द्रव _ द्रव मिश्रण ==> जल में घुला शराब या अल्कोहल ,पेट्रोल या डीजल का मिश्रण
* द्रव _ गैस मिश्रण ==> पीने वाला जल , सॉफ्ट ड्रिंक
* गैस _ गैस मिश्रण ==> हवा , , ऑक्सीजन और हीलियम का मिश्रण


मिश्रण को अलग करने की कौन कौन सी विधि है ?



आसवन विधि
* जब किसी द्रव को गर्म करके उसे वाष्प में बदल दिया जाता है ,उसके बाद उस वाष्प को पुनः ठंडा करके द्रव में परिवर्तित कर लिया जाए तो उस विधि को आसवन विधि कहते है |
* आसवन विधि के द्वारा ठोस _ द्रव मिश्रण से ठोस और द्रव को अलग कर लिया जाता है |
* आसवन विधि में सबसे पहले द्रव को वाष्प में और उसके बाद वाष्प को पुनः द्रव में परिवर्तित किया जाता है |
* आसवन विधि से सभी मिश्रण को अलग नहीं किया जाता है ,इस विधि से सिर्फ उन्ही मिश्रण को अलग किया जाता है ,जिनका अव्यावो का क्वाथानंक का अंतर 25 डिग्री या उससे अधिक हो |
* पीने वाले शुद्ध जल को असवान विधि से ही शुद्ध किया जाता है |
* आसवन विधि के द्वारा ही समुद्री जल को पीने लायक बनाया जाता है |

प्रभाजी आसवन
* इस विधि के माध्यम से दो या दो से अधिक द्रव पदार्थ से बने मिश्रण के अव्यव को अलग करने में किया जाता है |
* इस विधि के द्वारा वैसे मिश्रण को अलग किया जाता है ,जिनके अव्यव के क्वाथानंक का अंतर काफी कम होता है |
* इस विधि से जिन अव्यव का क्वाथानंक सबसे कम होता है वो सबसे पहले अस्वित होते है और जिनका क्वाथानंक ज्यादा होता है ,वो सबसे बाद में अस्वीत होते है |
* एल्कोहल ,पेट्रोलियम, इत्यादि को प्रभाजी आसवन विधि से ही अलग किया जाता है|
* प्रभाजी आसवन विधि के द्वारा ही पेट्रोलियम से भिन्न भिन्न प्रकार के अव्यव निकाले जाते है ,_ पेट्रोल ,डीजल ,केरोसिन ,इत्यादि |
* नाइट्रोजन , ऑक्सीजन को भी प्रभाजी आसवन विधि से ही अलग किया जाता है |

उर्ध्वपातन
* वैसे ठोस पदार्थ जिसको गर्म करने पर वह पिघलता नही है बल्कि वह सीधे वाष्प में परिवर्तित हो कर उड़ जाता है ,इस विधि को उर्ध्वपातन कहते है ,जैसे _ कपूर
* उर्ध्वपातन की प्रक्रिया में गर्म करने पर ठोस पदार्थ गैस में परिवर्तित होता है ,और गैस को ठंडा करने पर वह पुनः ठोस का रूप ले लेता है |
उदाहरण : सुखी बर्फ , कपूर , आयोडीन , कैफिन , अमोनियम क्लोराइड इत्यादि |
* उर्ध्वपतन विधि के माध्यम से वैसी मिश्रण के अव्यावों को अलग किया जाता है ,जिनका कोई एक अव्यव उर्ध्वपातित पदार्थ हो |

क्रोमैटोग्राफी किसे कहते है ?
* ऐसे मिश्रण जिसमें दो या दो से अधिक ठोस विलय अत्यंत ही कम मात्रा में एक ही विलायक में घुला रहता है ,जिसे अलग करने की विधि क्रोमैटोग्राफी कहलाता है |
* क्रोमैटोग्राफी के माध्यम से ही अपराध से जुड़े जांच किया जाता है |

थिराना क्या है ?
* वैसे मिश्रण जिसे एक बर्तन में रखने पर उसमे से जो ठोस पदार्थ के कण है वो बर्तन के पेंदी में बैठ जाते है ,और ऊपर शुद्ध अव्यव अलग हो जाते है ,इस विधि को थिराना कहते है |
* नदी के गंदे जल को साफ करने के लिए थिराना विधि का ही प्रयोग करते है , जैसे ,नदी के पानी को एक बर्तन में रख कर उसे थोड़ी देर के लिय छोड़ देते है ,और कुछ देर के बाद उसमें से ठोस कण अपने आप बर्तन के पेंदी में बैठ जाता है |

>>>>>>>>>प्रदूषित जल का शुद्धिकरण कैसे किया जाता है <<<<<<<<<
* नदी या तालाब के पानी को थिराना विधि के माध्यम से शुद्धिकरण कर सकते है |
* प्रदूषित जल से भरे टंकी में क्लोरिन या विरंजक चूर्ण को डालकर उसे शुद्ध किया जाता है |


यौगिक मिश्रण
यौगिक रासायनिक प्रक्रिया के फलस्वरूप बनते है |लेकिन मिश्रण के निर्माण के लिए कोई रासायनिक अभिक्रिया की जरूरत नहीं है |
यौगिक के अव्यव साधारण विधि से अलग नहीं किए जा सकते है |मिश्रण के यौगिक को साधारण विधि से अलग किया जा सकता है |
किसी भी यौगिक में उनके अव्यव के गुण मौजूद नहीं रहते है ,मिश्रण में उनके अव्यव के गुण मौजूद रहते है |
यौगिक सदैव समांगी होते है |
मिश्रण विसमांगी होते है |
सभी यौगिक का एक निश्चित रासायनिक सूत्र होता है ,मिश्रण का कोई रासायनिक सूत्र नही होता है |
यौगिक में उनके अव्यव तत्व का अनुपात निश्चित होता है |मिश्रण में अव्यव तत्व निश्चित नहीं होता है |
यौगिक शुद्ध पदार्थ है |मिश्रण अशुद्ध पदार्थ है |

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* पदार्थ का भौतिक परिवर्तन और उनका वर्गीकरण |


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