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डॉ. मनमोहन सिंह को मरणोपरांत पी. वी. नरसिम्हा राव स्मृति पुरस्कार (अर्थशास्त्र) – 1991 आर्थिक सुधारों का ऐतिहासिक योगदान |

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डॉ. मनमोहन सिंह को मरणोपरांत पी. वी. नरसिम्हा राव स्मृति पुरस्कार (अर्थशास्त्र)


परिचय

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह को मरणोपरांत पी. वी. नरसिम्हा राव स्मृति पुरस्कार (अर्थशास्त्र) से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार भारत के आर्थिक विकास और 1991 के आर्थिक सुधारों में उनके ऐतिहासिक योगदान को मान्यता देता है। नई दिल्ली में आयोजित इस समारोह में उनकी पत्नी गुरशरण कौर ने पुरस्कार ग्रहण किया, जिसे मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने प्रदान किया। इस लेख में हम इस पुरस्कार, उसके महत्व, 1991 सुधारों की पृष्ठभूमि और परीक्षा हेतु मुख्य तथ्यों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

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"डॉ. मनमोहन सिंह को मरणोपरांत पी. वी. नरसिम्हा राव स्मृति पुरस्कार समारोह"dailyprime247.in

1. पुरस्कार से संबंधित तथ्य

  • सम्मानित व्यक्ति – डॉ. मनमोहन सिंह (मरणोपरांत)

  • पुरस्कार का नाम – पी. वी. नरसिम्हा राव स्मृति पुरस्कार (अर्थशास्त्र)

  • प्रदाता संस्था – पी. वी. नरसिम्हा राव स्मृति फाउंडेशन (PVNMF), हैदराबाद

  • सम्मान ग्रहणकर्ता – गुरशरण कौर

  • पुरस्कार प्रदान करने वाले – मोंटेक सिंह अहलूवालिया


2. पुरस्कार का उद्देश्य

यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने भारत की आर्थिक नीतियों और सुधारों में परिवर्तनकारी भूमिका निभाई हो।

  • भारत के आर्थिक विकास में योगदान को मान्यता।

  • 1991 के आर्थिक उदारीकरण में डॉ. सिंह की भूमिका को सम्मान।

  • सुधारों की ऐतिहासिक साझेदारी – पी. वी. नरसिम्हा राव और डॉ. मनमोहन सिंह

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3. डॉ. मनमोहन सिंह की भूमिका (1991 सुधारों में)

तत्कालीन प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव के कार्यकाल में वित्त मंत्री रहते हुए डॉ. सिंह ने ऐतिहासिक आर्थिक सुधार लागू किए।

प्रमुख सुधार कदम:

  • लाइसेंस-राज की समाप्ति – उद्योगों को खोलने और प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन।

  • आयात शुल्क में कमी – वैश्विक व्यापार को बढ़ावा।

  • बाजार-आधारित विनिमय दर प्रणाली – विदेशी मुद्रा बाजार को स्थिरता।

  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को प्रोत्साहन – विदेशी पूंजी और तकनीक का आगमन।

  • सार्वजनिक क्षेत्र का पुनर्गठन – दक्षता और प्रतिस्पर्धा की दिशा में कदम।

"1991 भारत के आर्थिक सुधारों का चित्रण"dailyprime247.in

4. ऐतिहासिक महत्व

1991 के आर्थिक सुधार भारत के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुए।

  • गंभीर वित्तीय संकट से भारत को बाहर निकाला।

  • उदारीकरण और वैश्वीकरण की ओर अग्रसर किया।

  • भविष्य के सतत विकास की नींव रखी।

  • डॉ. सिंह और पी. वी. नरसिम्हा राव – सुधारों के संयुक्त शिल्पकार

📌 अधिक जानकारी के लिए देखें – RBI Annual Report और PIB Releases.


5. समारोह और उपस्थिति

  • आयोजन स्थल – नई दिल्ली

  • प्रमुख उपस्थित व्यक्ति –

    • के. रामचंद्र मूर्ति (अध्यक्ष, PVNMF)

    • मदमचेत्ती अनिल कुमार (महासचिव, PVNMF)

    • नीति-निर्माता और अर्थशास्त्री

    • डॉ. सिंह की विरासत के प्रशंसक


6. परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य (One-Liners)

  • डॉ. मनमोहन सिंह को मरणोपरांत पी. वी. नरसिम्हा राव स्मृति पुरस्कार (अर्थशास्त्र) मिला।

  • पुरस्कार उनकी पत्नी गुरशरण कौर ने ग्रहण किया।

  • पुरस्कार मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने प्रदान किया।

  • 1991 आर्थिक सुधारों के शिल्पकार – मनमोहन सिंह और नरसिम्हा राव

  • पुरस्कार का संचालन – PVNMF


7. परीक्षा-उपयोगी तालिका

विषयमुख्य तथ्य
पुरस्कार का नामपी. वी. नरसिम्हा राव स्मृति पुरस्कार (अर्थशास्त्र)
सम्मानित व्यक्तिडॉ. मनमोहन सिंह
ग्रहणकर्तागुरशरण कौर
प्रदान करने वालेमोंटेक सिंह अहलूवालिया
प्रदाता संस्थाPVNMF, हैदराबाद
महत्व1991 आर्थिक सुधारों में योगदान

8. निष्कर्ष

डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान भारत की आर्थिक यात्रा में अविस्मरणीय है। 1991 सुधारों ने भारत को नए युग की ओर अग्रसर किया। मरणोपरांत प्राप्त यह पुरस्कार उनकी नीतिगत सोच, दूरदृष्टि और राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पण को सम्मानित करता है।

Key Takeaways for Exams

  • पुरस्कार और उसके उद्देश्य पर आधारित प्रश्न।

  • 1991 सुधारों के कदम और प्रभाव।

  • डॉ. सिंह और नरसिम्हा राव की ऐतिहासिक साझेदारी।


FAQs

Q1. डॉ. मनमोहन सिंह को कौन-सा पुरस्कार मरणोपरांत मिला?
A1. पी. वी. नरसिम्हा राव स्मृति पुरस्कार (अर्थशास्त्र)।

Q2. यह पुरस्कार किस संस्था द्वारा दिया जाता है?
A2. पी. वी. नरसिम्हा राव स्मृति फाउंडेशन (PVNMF), हैदराबाद।

Q3. 1991 के आर्थिक सुधारों के मुख्य बिंदु क्या थे?
A3. लाइसेंस-राज की समाप्ति, आयात शुल्क में कमी, बाजार-आधारित विनिमय दर, FDI को प्रोत्साहन, सार्वजनिक क्षेत्र का पुनर्गठन।

Q4. पुरस्कार किसने ग्रहण किया और किसने प्रदान किया?
A4. पुरस्कार गुरशरण कौर ने ग्रहण किया और मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने प्रदान किया।

Q5. 1991 सुधारों को किसके नाम से जोड़ा जाता है?
A5. डॉ. मनमोहन सिंह और पी. वी. नरसिम्हा राव।