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भारतीय सेना का ‘संभव’ सिस्टम और ऑपरेशन सिंदूर: साइबर सुरक्षा में ऐतिहासिक कदम

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 भारतीय सेना का "संभव" सिस्टम और ऑपरेशन सिंदूर – साइबर सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऐतिहासिक कदम


प्रस्तावना (Introduction)

भारतीय सेना ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। अब सेना अपने संचार के लिए विदेशी मैसेजिंग ऐप्स जैसे WhatsApp का उपयोग नहीं करेगी। इसकी जगह सेना ने स्वदेशी और सुरक्षित संचार प्रणाली “संभव” (Secure Army Mobile Bharat Version) को अपनाया है।

यह बदलाव सिर्फ एक तकनीकी कदम नहीं है, बल्कि यह भारत की साइबर संप्रभुता (Cyber Sovereignty), सैन्य रणनीतिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat Initiative) की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। आधुनिक युद्ध के युग में, जहाँ Hybrid Warfare (Boots + Bots) का खतरा बढ़ रहा है, वहां सुरक्षित संचार प्रणाली सेना की सबसे बड़ी जरूरत है।

“भारतीय सेना का संभव सिस्टम और ऑपरेशन सिंदूर – साइबर सुरक्षा, सुरक्षित संचार और आत्मनिर्भर भारत को दर्शाता इन्फोग्राफिक पोस्टर | dailyprime247.in”

पृष्ठभूमि (Background)

  • मई 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ।

  • इस हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।

  • इस ऑपरेशन के दौरान स्पष्ट हुआ कि पारंपरिक विदेशी मैसेजिंग ऐप्स पर निर्भरता से जासूसी और डेटा लीक का खतरा बढ़ जाता है।

  • इसी संदर्भ में, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (AIMA) की नेशनल मैनेजमेंट कन्वेंशन में घोषणा की कि –

    “भारतीय सेना अब WhatsApp और अन्य विदेशी ऐप्स का उपयोग नहीं कर रही है। इसकी जगह संभव सिस्टम को कमांड और संचार के लिए अपनाया गया है।”


"संभव" क्या है? (What is Sambhav?)

संभव (Secure Army Mobile Bharat Version) भारतीय सेना का स्वदेशी, सुरक्षित और 5G-सक्षम संचार प्लेटफ़ॉर्म है।
यह जनवरी 2024 में आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य था – विदेशी मैसेजिंग ऐप्स की जगह एक भारतीय समाधान देना, जो सैन्य जरूरतों के अनुसार पूरी तरह सुरक्षित और नियंत्रित हो।

संभव की प्रमुख विशेषताएँ

  1. Multi-layer Encryption

    • डेटा को कई स्तरों पर एन्क्रिप्ट किया जाता है।

    • जासूसी, हैकिंग और लीक की संभावना लगभग शून्य।

  2. 5G Enabled Devices

    • हाई-स्पीड और निर्बाध नेटवर्क।

    • कठिन भौगोलिक इलाकों (जैसे LOC, LAC) में भी भरोसेमंद कनेक्टिविटी।

  3. Network Agnostic Functionality

    • जियो, एयरटेल जैसे सार्वजनिक नेटवर्क पर भी काम करने की क्षमता।

    • सीमित नेटवर्क क्षेत्रों में भी काम करने वाला खास सैन्य प्रोटोकॉल।

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“भारतीय सेना के जवान कश्मीर में संभव सिस्टम के जरिए सुरक्षित संचार करते हुए | dailyprime247.in”
  1. M-Sigma App

    • WhatsApp का भारतीय विकल्प।

    • सुरक्षित चैट, फाइल ट्रांसफर और ग्रुप कम्युनिकेशन।

  2. Pre-loaded Contact Directory

    • सैनिकों और अधिकारियों के बीच तुरंत आंतरिक संचार।

    • गलत व्यक्ति तक संदेश जाने का खतरा कम।

  3. Collaborative Development

    • भारतीय अनुसंधान संस्थानों (जैसे DRDO) और निजी टेक कंपनियों के सहयोग से विकसित।

    • सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP Model) का उदाहरण।

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ऑपरेशन सिंदूर में उपयोग (Use in Operation Sindoor)

  • मई 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया।

  • इस दौरान सैनिकों से लेकर शीर्ष सैन्य अधिकारियों तक सभी ने संभव स्मार्टफोन का प्रयोग किया।

  • पूरे अभियान में संचार नेटवर्क पूरी तरह सुरक्षित रहा।

  • किसी भी प्रकार की इंटेलिजेंस लीक या जासूसी की संभावना नहीं रही।

  • यह पहली बार था जब संभव सिस्टम का बड़े पैमाने पर व्यावहारिक उपयोग हुआ।


व्यापक रणनीतिक प्रभाव (Strategic Impact)

  1. कूटनीतिक स्तर पर प्रयोग

    • 2024 में चीन के साथ हुई सैन्य वार्ताओं में भी संभव का प्रयोग किया गया।

    • भारत की सुरक्षा विश्वसनीयता और कूटनीतिक मजबूती बढ़ी।

  2. सेना में बड़े पैमाने पर वितरण

    • 2025 तक लगभग 30,000 संभव डिवाइस वितरित किए जा चुके हैं।

    • इससे विदेशी ऐप्स पर पूरी निर्भरता खत्म हो गई।

  3. Cyber Sovereignty (साइबर संप्रभुता)

    • भारत ने अपनी सैन्य संचार प्रणाली को पूरी तरह स्वदेशी और सुरक्षित बना लिया।

    • विदेशी निगरानी और हैकिंग प्रयासों से सुरक्षा सुनिश्चित हुई।

  4. रक्षा अवसंरचना की सुरक्षा

    • Critical defence data अब सिर्फ भारतीय नियंत्रण में।

    • साइबर युद्ध और हाइब्रिड वारफेयर में भारत की तैयारी मजबूत हुई।

अधिक जानकारी के लिए :ministry of defence official site .

महत्व और विश्लेषण (Importance & Analysis)

क्यों जरूरी है "संभव"?

  • WhatsApp जैसे विदेशी ऐप्स विदेशी सर्वर पर काम करते हैं।

  • इन पर निगरानी, डाटा लीक और हैकिंग का खतरा रहता है।

  • Hybrid Warfare के दौर में सुरक्षित संचार भारत की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

Hybrid Warfare Context

  • आधुनिक युद्ध सिर्फ भौतिक युद्ध (Boots on Ground) तक सीमित नहीं है।

  • अब इसमें Bots, Cyber Attacks, Artificial Intelligence और Surveillance Tools भी शामिल हैं।

  • जनरल उपेन्द्र द्विवेदी के अनुसार –

    “आने वाले युद्ध में Boots और Bots साथ-साथ होंगे।”

Defence Innovation Model

  • संभव सिर्फ एक ऐप नहीं है, बल्कि यह भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी आत्मनिर्भरता का उदाहरण है।

  • यह मॉडल दिखाता है कि कैसे सरकारी अनुसंधान संस्थान + निजी टेक कंपनियाँ मिलकर सुरक्षित समाधान विकसित कर सकती हैं।

“भारतीय सेना का संभव सिस्टम – साइबर वारफेयर और साइबर संप्रभुता का प्रतीक | dailyprime247.in”

परीक्षा दृष्टिकोण (Exam Relevance)

  • संभव (SAMBHAV): Secure Army Mobile Bharat Version.

  • लॉन्च वर्ष: 2024.

  • ऑपरेशन सिंदूर: जम्मू-कश्मीर, 2025.

  • M-Sigma App: WhatsApp का भारतीय विकल्प।

  • Cyber Sovereignty Concept.

संभावित प्रश्न

  1. Prelims:
    “संभव” प्रणाली किससे संबंधित है?
    (a) रक्षा संचार प्रणाली ✅
    (b) कृषि प्रौद्योगिकी
    (c) स्वास्थ्य सेवा
    (d) शिक्षा सुधार

  2. Mains (GS-3):
    “भारतीय सेना द्वारा ‘संभव’ संचार प्रणाली अपनाना भारत की साइबर संप्रभुता और रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। चर्चा कीजिए।”


टेबल: संभव बनाम WhatsApp

विशेषताWhatsAppसंभव (SAMBHAV)
स्वामित्वविदेशी कंपनी (Meta)भारतीय सेना/सरकारी नियंत्रण
सर्वर लोकेशनविदेशी सर्वरभारत में सुरक्षित सर्वर
सुरक्षा स्तरएंड-टू-एंड एन्क्रिप्शनMulti-layer Encryption + Military Protocol
नेटवर्क निर्भरताकेवल इंटरनेट आधारित5G + नेटवर्क-अज्ञेय
लक्ष्य उपयोगकर्ताआम नागरिकविशेष रूप से सेना और रक्षा उपयोग

निष्कर्ष (Conclusion)

भारतीय सेना का संभव सिस्टम सिर्फ एक मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म नहीं है, बल्कि यह भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता और साइबर सुरक्षा रणनीति का प्रतीक है।
ऑपरेशन सिंदूर ने इसकी क्षमता को साबित कर दिया है।
यह कदम भारत की सैन्य रणनीति, कूटनीति और साइबर संप्रभुता को एक नया आयाम देता है।

Key Takeaways for Exams

  • संभव = Secure Army Mobile Bharat Version.

  • लॉन्च: 2024.

  • पहली बार बड़े पैमाने पर उपयोग → ऑपरेशन सिंदूर (2025, जम्मू-कश्मीर)।

  • Hybrid Warfare और Cyber Sovereignty में इसकी भूमिका अहम।


FAQs

Q1. "संभव" सिस्टम क्या है?
Ans: संभव (Secure Army Mobile Bharat Version) भारतीय सेना का सुरक्षित, स्वदेशी और 5G-आधारित संचार प्लेटफ़ॉर्म है, जो WhatsApp जैसे विदेशी ऐप्स का विकल्प है।

Q2. ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
Ans: मई 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया सैन्य अभियान। इसमें पहली बार बड़े पैमाने पर संभव सिस्टम का उपयोग हुआ।

Q3. M-Sigma App किससे संबंधित है?
Ans: यह WhatsApp का भारतीय विकल्प है, जो संभव प्लेटफॉर्म का हिस्सा है।

Q4. UPSC में “संभव सिस्टम” कैसे प्रासंगिक है?
Ans: यह GS-3 (Internal Security, Technology, Cyber Security, Atmanirbhar Bharat) से संबंधित है और Prelims + Mains दोनों में पूछे जाने योग्य है।