📚 भारत में पूर्ण साक्षरता: राज्य, केंद्रशासित प्रदेश और जिले (2025 तक)
🔹 भारत में साक्षरता का इतिहास :
* भारत में शिक्षा को मौलिक अधिकार अनुच्छेद 21A, और 2002 के 86वें संविधान संशोधन के तहत सुनिश्चित किया गया है। स्वतंत्रता के समय 1947 में देश की कुल साक्षरता दर मात्र 12% थी।
* आजादी के 75 वर्षों के बाद, कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने पूर्ण साक्षरता (Full Literacy) दर को हासिल किया है।
* भारत ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। आजादी के समय जहाँ देश की साक्षरता दर मात्र 12% थी, वहीं 2025 तक कई राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश को पूर्ण साक्षर घोषित किया जा चुका है।
* यह उपलब्धि ULLAS – New India Literacy Programme (Understanding Lifelong Learning for All in Society) के अंतर्गत संभव हुई है। इस योजना के अनुसार किसी राज्य/UT को 95% से अधिक साक्षरता दर हासिल करनी होती है।
👉 भारत के शिक्षा मंत्रालय Education Ministry के अनुसार, ULLAS – New India Literacy Programme 2022 में शुरू किया गया था।
🔹 ULLAS – New India Literacy Programme
- प्रारंभ: वर्ष 2022
- उद्देश्य: 2027 तक 100% साक्षरता दर को हासिल कर लेना ।
इसके प्रमुख घटक:
- वयस्क शिक्षा
- डिजिटल साक्षरता
- जीवन कौशल शिक्षा
- निरंतर शिक्षक प्रशिक्षण
- ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान
✅ 2025 तक पूर्ण साक्षर घोषित राज्य
क्रम | राज्य | वर्ष / समय | साक्षरता दर | विशेष उपलब्धि |
---|---|---|---|---|
1 | मिज़ोरम | मई 2025 | ~98.2% | भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य |
2 | गोवा | मई 2025 | ~99.7% | शत-प्रतिशत स्कूली दाखिले और उच्च शिक्षा नेटवर्क |
3 | त्रिपुरा | जून 2025 | ~95.6% | तीसरा पूर्ण साक्षर राज्य |
4 | हिमाचल प्रदेश | सितंबर 2025 | ~99.3% | छात्र-शिक्षक अनुपात में भारत में प्रथम |
✅ पूर्ण साक्षर केंद्रशासित प्रदेश
क्रम | केंद्रशासित प्रदेश | वर्ष / समय | साक्षरता दर | विशेषता |
---|---|---|---|---|
1 | लद्दाख | जून 2024 | ~97% | भारत का पहला पूर्ण साक्षर UT |
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) PIB Official Site के मुताबिक, कई राज्यों ने हाल ही में 95%+ साक्षरता दर हासिल कर ली है।
✅ पूर्ण साक्षर घोषित जिले (इतिहास)
अब तक आधिकारिक तौर पर जिलों को पूर्ण साक्षर घोषित करने के बहुत कम उदाहरण मिले हैं।
क्रम | जिला (राज्य) | वर्ष | स्थिति / टिप्पणी |
---|---|---|---|
1 | मंडला (मध्य प्रदेश) | ~2002–2011 | पहला “पूर्ण कार्यात्मक साक्षर जिला” |
2 | मोकोकचुंग (नागालैंड) | 2007 | पूर्ण साक्षर जिला (100% साक्षरता) |
– | कोयंबटूर (तमिलनाडु) | लक्ष्य 2025 | 100% साक्षरता हासिल करने की तैयारी (TOI रिपोर्ट) |
🔹 साक्षरता और “पूर्ण साक्षरता” की परिभाषा क्या है ?
- साक्षरता (Literacy): जो व्यक्ति सही सही पढ़ना और लिखना जनता हो उसे हम साक्षर की श्रेणी में रखते है ।
पूर्ण साक्षरता (Full Literacy): वैसे राज्य , जिला , शहर , या गांव जहां पर
95% से अधिक आबादी साक्षर हो उस राज्य ,जिला या शहर को साक्षर की श्रेणी में रखेंगे ।- इसमें वयस्क शिक्षा, डिजिटल साक्षरता और जीवन कौशल शिक्षा शामिल।
- ULLAS – New India Literacy Programme के मानक के तहत मान्यता।
पूर्ण साक्षरता (Full Literacy): वैसे राज्य , जिला , शहर , या गांव जहां पर
95% से अधिक आबादी साक्षर हो उस राज्य ,जिला या शहर को साक्षर की श्रेणी में रखेंगे ।🔹 ऐतिहासिक सफ़र (Timeline)
- 1951: में भारत की साक्षरता दर → केवल 18.3% थी ,
- 1991: में साक्षरता दर → 52.2%
- 2011: में साक्षरता दर → 74%
- 2024–25: कुछ राज्यों और UTs ने 95%+ हासिल कर पूर्ण साक्षरता दर्ज़ा को प्राप्त कर लिया है ।
📢 पूर्ण साक्षरता से जुड़े ताज़ा समाचार
1. हिमाचल प्रदेश (सितंबर 2025)
- घोषणा: 8 सितंबर 2025, अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर।
- साक्षरता दर: 99.3%
- स्थिति: भारत का चौथा पूर्ण साक्षर राज्य
मुख्य बिंदु:
छात्र-शिक्षक अनुपात में देश में प्रथम।- ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों में डिजिटल और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ज़ोर।
2. त्रिपुरा (जून 2025)
- घोषणा: 2025 के मध्य में की गई।
- साक्षरता दर: 95.6%
- स्थिति: भारत का तीसरा पूर्ण साक्षर राज्य।
- विशेष: साक्षरता अभियान और निरंतर शिक्षक प्रशिक्षण ने बड़ी भूमिका निभाई।
3. गोवा (मई 2025)
- घोषणा: मई 2025 में केंद्र सरकार द्वारा।
- साक्षरता दर: 99.7%
- स्थिति: भारत का दूसरा पूर्ण साक्षर राज्य।
- मुख्य कारण: उच्च विद्यालयों का बेहतर नेटवर्क और शत-प्रतिशत स्कूली दाखिला।
4. मिज़ोरम (मई 2025)
- घोषणा: सबसे पहले 2025 में।
- साक्षरता दर: 98.2%
- स्थिति: भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य।
- ख़ासियत: सामुदायिक भागीदारी और शिक्षा के प्रति सामाजिक जागरूकता।
5. लद्दाख (जून 2024) (केंद्रशासित प्रदेश)
- घोषणा: जून 2024।
- साक्षरता दर: ~97%
- स्थिति: भारत का पहला पूर्ण साक्षर केंद्रशासित प्रदेश।
📖 केरल और साक्षरता की स्थिति :
-
केरल की साक्षरता दर लगभग 97% है और, यह लंबे समय से भारत का सबसे साक्षर राज्य माना जाता है।
-
लेकिन ULLAS के नए मानकों के तहत केरल को अभी तक “पूर्ण साक्षर राज्य” घोषित नहीं किया गया है।
-
इसका कारण यह है कि मानक केवल सामान्य साक्षरता पर नहीं, बल्कि वयस्क शिक्षा, डिजिटल साक्षरता और जीवन कौशल आधारित शिक्षा पर भी आधारित है।
भारत में बिहार की साक्षरता स्थिति (2025 तक)
1. कुल साक्षरता दर
-
Periodic Labour Force Survey (PLFS) 2023–24 के अनुसार बिहार की कुल साक्षरता दर लगभग 74.3% है, जो पूरे भारत की औसत (80.9%) से काफी नीचे है।
2. शहरी और ग्रामीण अंतर
-
ग्रामीण साक्षरता (Bihar): लगभग 72.1%,
-
शहरी साक्षरता (Bihar): लगभग 83.2%,
-
शहरी-ग्रामीण अंतर: ~11.1 प्रतिशत अंक
3. लिंग अंतराल (पुरुष बनाम महिला)
-
पुरुष साक्षरता: 82.3%
-
महिला साक्षरता: 66.1%
-
लैंगिक विभाजन: ~16.2% का अंतर
4. बिहार का राष्ट्रीय रूप में स्थान
-
PLFS रिपोर्ट में बिहार को निचले साक्षरता वाले राज्यों में सूचीबद्ध किया गया है—सिर्फ आंध्र प्रदेश से बेहतर स्थिति।
श्रेणी | साक्षरता दर (%) |
---|---|
कुल (राज्य औसत) | 74.3% |
ग्रामीण क्षेत्र | 72.1% |
शहरी क्षेत्र | 83.2% |
पुरुष साक्षरता | 82.3% |
महिला साक्षरता | 66.1% |
लैंगिक अंतर | 16.2% |
भारत में साक्षरता की वर्तमान स्थिति (2025 तक)
1. राष्ट्रीय स्तर पर साक्षरता
-
Periodic Labour Force Survey (PLFS) 2023-24 के अनुसार, भारत में 7 वर्ष और उससे अधिक उम्र की आबादी में कुल साक्षरता दर लगभग 80.9% है।
यह दर 2011 के लगभग 74% से स्पष्ट वृद्धि बताती है, जो शिक्षा नीति और योजनाओं की सफलता का संकेत है।
2. शहरी-ग्रामीण और लिंग विभाजन
मानदंड | साक्षरता दर (%) |
---|---|
शहरी साक्षरता | 88.9 |
ग्रामीण साक्षरता | 77.5 |
पुरुष साक्षरता | 87.2 |
महिला साक्षरता | 74.6 |
3. टॉप और निम्नतम साक्षरता वाले क्षेत्र
-
शीर्ष साक्षरता वाले क्षेत्र:
-
मिज़ोरम (98.2%)
-
लक्षद्वीप (~97.3%)
-
केरल (~95.3%)
-
त्रिपुरा (93.7%)
-
गोवा (93.6%)
-
- निचले स्तर वाले:
-
बिहार (~74.3%)
-
मध्य प्रदेश (~75.2%)
-
राजस्थान (~69.7%)
🎯 परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य (Quick Facts)
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ULLAS योजना (New India Literacy Programme) → 95% से अधिक साक्षरता दर पर “पूर्ण साक्षर” दर्ज़ा मिलता है।
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पूर्ण साक्षर राज्य (2025 तक): मिज़ोरम, गोवा, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश।
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पूर्ण साक्षर UT: लद्दाख (2024)।
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पूर्ण साक्षर जिले (उदाहरण): मंडला (मध्य प्रदेश), मोकोकचुंग (नागालैंड)।
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2025 लक्ष्य: कोयंबटूर (तमिलनाडु) 100% साक्षरता प्राप्त करने की ओर।
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ULLAS योजना → 2022 में शुरू।
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“पूर्ण साक्षरता” का मानक → 95%+ साक्षरता।
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पहला पूर्ण साक्षर राज्य → मिज़ोरम (2025)।
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पहला पूर्ण साक्षर UT → लद्दाख (2024)।
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2025 तक पूर्ण साक्षर राज्य → मिज़ोरम, गोवा, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश।
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शिक्षा सुधार और सामाजिक विकास का आपसी संबंध।
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ग्रामीण भारत में डिजिटल साक्षरता की चुनौतियाँ।
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शिक्षा = मानव पूंजी निर्माण = आर्थिक विकास।
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भारत की “डेमोग्राफिक डिविडेंड” और साक्षरता का महत्व।
🔹 अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ
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UNESCO हर साल 8 सितंबर को International Literacy Day मनाता है।
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भारत ने 2030 तक “Education for All” (SDG 4) को हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
👉 यूनेस्को (UNESCO) International Literacy Day हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है, ताकि शिक्षा और साक्षरता के महत्व पर वैश्विक स्तर पर जागरूकता फैलाई जा सके।
👉 विश्व बैंक (World Bank) World Bank Data on Literacy के अनुसार, वैश्विक औसत साक्षरता दर 87% से अधिक है।
🔎 निष्कर्ष
भारत शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नए कीर्तिमान बना रहा है। मिज़ोरम से हिमाचल प्रदेश तक की यह यात्रा इस बात का प्रमाण है ,कि अगर सरकार, शिक्षक और समाज मिलकर काम करें तो शिक्षा हर कोने तक पहुँच सकती है।
आने वाले वर्षों में उम्मीद है कि और भी राज्य और जिले पूर्ण साक्षरता की सूची में शामिल होंगे, जिससे भारत एक पूरी तरह साक्षर राष्ट्र बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ेगा।
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