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सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण लगने के पीछे मुख्य कारण क्या है , क्यों लगता है।

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क्या आप जानते है ,की सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण क्यों और कैसे लगता है , जानिए विस्तार से ।


सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण में अंतर – आसान भाषा में पूरी जानकारी।

आकाश एक ऐसा कैनवास है जो हमें हमेशा कुछ नया और अद्भुत दिखाता रहता है। ग्रहण (Eclipse) उन अद्भुत घटनाओं में से है, जिन्हें देखकर इंसान हजारों सालों से हैरान और मोहित होता आया है।

ग्रहण मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं – सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण। दोनों ही घटनाओं में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा शामिल होते हैं, लेकिन इनका स्वरूप, समय और प्रभाव एक-दूसरे से अलग होता है।

आइए विस्तार से समझते हैं कि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण में क्या अंतर है, कैसे होते हैं और क्यों खास माने जाते हैं।

सूर्य ग्रहण कब लगता है ।

सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य ,और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक पूरी तरह या आंशिक रूप से पहुँच नहीं पाती।

सूर्य ग्रहण कब और कैसे लगता है , उसकी स्थिति को समझे ।क्यों लगता है सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण के प्रकार

पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) – जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है और दिन में अंधेरा छा जाता है।

2. आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) – जब सूर्य का केवल एक हिस्सा ही चंद्रमा से ढकता है।

3. वलयाकार (कंकणाकृति) सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse) – जब चंद्रमा सूर्य के केंद्र को ढक लेता है लेकिन किनारे पर सूर्य की रोशनी एक चमकदार अंगूठी जैसी दिखाई देती है।

👉 सूर्य ग्रहण बहुत कम समय (कुछ मिनट) तक ही रहता है और इसे देखने के लिए विशेष सोलर चश्मा ज़रूरी होता है, वरना आँखों को नुकसान हो सकता है।

🌕 चंद्र ग्रहण कब लगता है।

चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है।

चंद्र ग्रहण कब और कैसे लगता है,जाने उसकी स्थिति के बारे में ।

चंद्र ग्रहण के प्रकार

1. पूर्ण चंद्र ग्रहण (Total Lunar Eclipse) – पूरा चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आ जाता है और लालिमा लिए दिखाई देता है, जिसे "रक्त चंद्र" (Blood Moon) कहते हैं।


2. आंशिक चंद्र ग्रहण (Partial Lunar Eclipse) – केवल चंद्रमा का कुछ हिस्सा ही छाया में आता है।

3. उपछाया चंद्र ग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse) – जब हल्की छाया पड़ने से चंद्रमा थोड़ा धुंधला दिखता है।

👉 चंद्र ग्रहण कई घंटों तक देखा जा सकता है और यह नंगी आँखों से बिल्कुल सुरक्षित होता है।

🌑 सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण में मुख्य अंतर क्या है ?

>>> सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण लगने के कारण - 

कारण चंद्रमा सूर्य की रोशनी को रोकता है ,पृथ्वी सूर्य की रोशनी को चंद्रमा तक पहुँचने से रोकती है

कहाँ दिखाई देता है?
 केवल पृथ्वी के कुछ विशेष हिस्सों में जहाँ भी रात होती है,
वहाँ से सभी प्रकार पूर्ण, आंशिक, वलयाकार पूर्ण, आंशिक, उपछाया
अवधि कुछ मिनट कई घंटे तक दिखाई देता है ।

सुरक्षा बिना विशेष चश्मे के देखना खतरनाक नंगी आँखों से सुरक्षित ।
प्रभाव दिन में अंधकार, तापमान में गिरावट चंद्रमा का रंग बदलकर लालिमा लिए दिखना

🌌 ग्रहण क्यों महत्वपूर्ण हैं?


वैज्ञानिक दृष्टि से ग्रहण खगोल विज्ञान (Astronomy) के अध्ययन के लिए बेहद अहम हैं।

प्राचीन काल में लोग ग्रहण को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी विशेष मानते थे।

आधुनिक विज्ञान ने स्पष्ट कर दिया है कि ग्रहण एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है, जिससे डरने की बजाय इसे सुरक्षित ढंग से देखना चाहिए।

✨ निष्कर्ष

सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों ही अद्भुत खगोलीय घटनाएँ हैं।

जहाँ सूर्य ग्रहण कुछ मिनट का होता है और खास चश्मे से देखना पड़ता है, वहीं चंद्र ग्रहण घंटों तक चलता है और नंगी आँखों से देखा जा सकता है।

इन दोनों ग्रहणों से हमें यह समझने का अवसर मिलता है कि सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा के बीच का संबंध कितना गहरा और सुंदर है।

आकाश में होने वाली ये घटनाएँ हमें बार-बार याद दिलाती हैं कि हमारा ब्रह्मांड कितना रहस्यमय और आकर्षक है। 🌠