ज्ञान भारतम पोर्टल 2025
“ज्ञान भारतम पोर्टल का महत्व और विशेषताएँ”
भारत की सभ्यता केवल भौतिक प्रगति के लिए ही नहीं, बल्कि ज्ञान और संस्कृति के लिए भी प्रसिद्ध रही है। हजारों वर्षों से चली आ रही पांडुलिपियों ने भारतीय समाज को दर्शन, चिकित्सा, खगोलशास्त्र, साहित्य, गणित, कृषि और शासन व्यवस्था के क्षेत्र में दिशा दी। लेकिन समय और परिस्थितियों के कारण इनमें से बहुत सी पांडुलिपियाँ नष्ट हो चुकी हैं या नष्ट होने के कगार पर हैं। इसी पृष्ठभूमि में भारत सरकार ने ज्ञान भारतम पोर्टल लॉन्च किया।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 12 सितम्बर 2025 को लॉन्च किया गया यह पोर्टल न केवल भारत की प्राचीन पांडुलिपियों को डिजिटली संरक्षित करेगा, बल्कि उन्हें विद्वानों, शोधकर्ताओं और आम जनता तक पहुँचाएगा। यह पहल भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा को आधुनिक तकनीक से जोड़कर भविष्य की पीढ़ियों को उपलब्ध कराने का एक अनूठा प्रयास है। UPSC, BPSC, SSC, Railway और अन्य परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए यह विषय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह करंट अफेयर्स के साथ-साथ संस्कृति और विरासत से भी संबंधित है।
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1. ज्ञान भारतम पोर्टल 2025 .पृष्ठभूमि
भारत की विशाल पांडुलिपि धरोहर में विभिन्न विषयों का ज्ञान संचित है:
दर्शन और वेदांत
आयुर्वेद और चिकित्सा पद्धति
गणित और खगोलशास्त्र
इतिहास और साहित्य
शासन और न्याय व्यवस्था
खतरे
समय पर डिजिटलीकरण न होने से इनका नष्ट होने का खतरा।
प्राकृतिक आपदा, मौसम, दीमक और मानवीय लापरवाही से हानि।
नकली या अप्रमाणिक प्रतियों की बाढ़।
उद्देश्य
प्राचीन ज्ञान को आने वाली पीढ़ियों तक संरक्षित करना।
शोध और शिक्षा को सशक्त बनाना।
भारत की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करना।
2. लॉन्च विवरण
कार्यक्रम: ज्ञान भारतम पोर्टल लॉन्च
लॉन्च करने वाले: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
तिथि: 12 सितम्बर 2025
स्थान: विज्ञान भवन, नई दिल्ली
आयोजक: संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार
यह कार्यक्रम एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान आयोजित किया गया जिसमें भारत की सांस्कृतिक धरोहर को पुनः प्राप्त करने के विषय पर चर्चा हुई।
3.ज्ञान भारतम पोर्टल की प्रमुख विशेषताएँ
3.1 डिजिटलीकरण एवं संरक्षण
पांडुलिपियों की पहचान, दस्तावेज़ीकरण और डिजिटलीकरण।
नाजुक पांडुलिपियों के लिए विशेष तकनीक।
3.2 राष्ट्रीय डिजिटल भंडार
केंद्रीकृत डिजिटल लाइब्रेरी।
24×7 ऑनलाइन पहुंच।
3.3 एआई-सक्षम पहुंच
AI आधारित खोज प्रणाली।
स्वचालित अनुवाद और टीकाकरण।
3.4 अनुसंधान एवं प्रकाशन
दुर्लभ पांडुलिपियों का अनुवाद।
शोध लेख और पुस्तकों का प्रकाशन।
3.5 क्षमता निर्माण
विद्वानों और संरक्षकों के लिए प्रशिक्षण प्रोग्राम।
3.6 जन सहभागिता
आम जनता को संरक्षण में शामिल करना।
जागरूकता अभियान।
3.7 वैश्विक सहयोग
अन्य देशों की संस्थाओं के साथ साझेदारी।
वैश्विक मंच पर भारतीय ज्ञान का प्रचार।
4. अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (ज्ञान भारतम सम्मेलन 2025)
अवधि: 11–13 सितम्बर 2025
विषय (Theme): “पांडुलिपि धरोहर के माध्यम से भारत की ज्ञान परंपरा की पुनः प्राप्ति”
प्रतिभागी: 1,100+ विद्वान, विशेषज्ञ, संस्थान और सांस्कृतिक साधक।
प्रदर्शनी का आयोजन।
इस सम्मेलन में न केवल भारत बल्कि अन्य देशों से आए विद्वानों ने भी हिस्सा लिया। यहाँ तकनीकी विशेषज्ञों ने डिजिटलीकरण की चुनौतियों और अवसरों पर भी चर्चा की।
5.ज्ञान भारतम पोर्टल 2025 महत्व
भारत की सबसे बड़ी पांडुलिपि धरोहर का संरक्षण।
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से सार्वजनिक पहुंच।
नई शिक्षा नीति (NEP 2020) से जुड़ाव।
विकसित भारत 2047 की दृष्टि से सांस्कृतिक धरोहर को मजबूत आधार बनाना।
परीक्षा दृष्टि से महत्व
करंट अफेयर्स।
संस्कृति एवं विरासत।
डिजिटल इंडिया और AI आधारित प्रोजेक्ट।
6. विज़न और आगे की राह
केवल संरक्षण तक सीमित नहीं।
एआई, शिक्षा और वैश्विक सहयोग का एकीकरण।
भारतीय ज्ञान को वैश्विक स्तर पर साझा करना।
7. परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य
कार्यक्रम: ज्ञान भारतम पोर्टल लॉन्च
लॉन्च करने वाले: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
तिथि: 12 सितम्बर 2025
स्थान: विज्ञान भवन, नई दिल्ली
आयोजक: संस्कृति मंत्रालय
सम्मेलन थीम: “पांडुलिपि धरोहर के माध्यम से भारत की ज्ञान परंपरा की पुनः प्राप्ति”
परीक्षा दृष्टिकोण
विषय | विवरण |
---|---|
पोर्टल का नाम | ज्ञान भारतम पोर्टल |
लॉन्च तिथि | 12 सितम्बर 2025 |
लॉन्च स्थल | विज्ञान भवन, नई दिल्ली |
लॉन्चकर्ता | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी |
आयोजक | संस्कृति मंत्रालय |
सम्मेलन थीम | पांडुलिपि धरोहर के माध्यम से भारत की ज्ञान परंपरा की पुनः प्राप्ति |
निष्कर्ष
ज्ञान भारतम पोर्टल भारतीय ज्ञान परंपरा के संरक्षण, डिजिटलीकरण और वैश्विक प्रसार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य धरोहर होगी। परीक्षार्थियों के लिए यह विषय करंट अफेयर्स और सांस्कृतिक दृष्टि से अनिवार्य है।
FAQs
Q1. ज्ञान भारतम पोर्टल कब लॉन्च किया गया?
Ans: 12 सितम्बर 2025 को।
Q2. इसे किसने लॉन्च किया?
Ans: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी।
Q3. पोर्टल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
Ans: पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण, संरक्षण और सार्वजनिक पहुंच।
Q4. सम्मेलन का विषय क्या था?
Ans: “पांडुलिपि धरोहर के माध्यम से भारत की ज्ञान परंपरा की पुनः प्राप्ति।”
Q5. आयोजक कौन है?
Ans: संस्कृति मंत्रालय।
MCQs (Practice for Exams)
ज्ञान भारतम पोर्टल किसने लॉन्च किया?
Ans: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी।लॉन्च की तिथि क्या है?
Ans: 12 सितम्बर 2025।पोर्टल किस मंत्रालय से जुड़ा है?
Ans: संस्कृति मंत्रालय।सम्मेलन का विषय क्या था?
Ans: “पांडुलिपि धरोहर के माध्यम से भारत की ज्ञान परंपरा की पुनः प्राप्ति।”सम्मेलन कहाँ आयोजित हुआ?
Ans: विज्ञान भवन, नई दिल्ली।सम्मेलन कितने दिन चला?
Ans: 3 दिन।प्रतिभागियों की संख्या कितनी थी?
Ans: 1,100+।पोर्टल की कौन-सी विशेषता है?
Ans: डिजिटलीकरण, AI आधारित खोज, प्रकाशन।यह पहल किस शिक्षा नीति से जुड़ी है?
Ans: नई शिक्षा नीति 2020।विकसित भारत 2047 में यह पहल किस आधार से जुड़ी है?
Ans: सांस्कृतिक धरोहर।
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