सेमिकॉन इंडिया 2025: पीएम मोदी ने भारत को चिप्स महाशक्ति बनाने का किया उद्घाटन
2 सितम्बर 2025 को नई दिल्ली के यशोभूमि में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेमिकॉन इंडिया 2025 का भव्य उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम केवल एक समारोह नहीं, बल्कि भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में नई क्रांति की शुरुआत है। इस मौके पर 40 से अधिक देशों के प्रतिनिधि, उद्योगपति, स्टार्टअप्स और हजारों छात्र उपस्थित थे। इस कार्यक्रम ने स्पष्ट संदेश दिया – भारत अब वैश्विक चिप्स उद्योग में एक निर्णायक खिलाड़ी बनने के लिए तैयार है। भारत अब दूसरे देशों के सेमीकंडक्टर आयत की निर्भरता को कम करना चाहता है ,और अपने देश में ही स्वदेशी रूप से सेमीकंडक्टर प्लांट लगाकर ,अपने देश को एक नई ऊंचाई तक लेकर जाना चाहता है |
वैश्विक दृष्टिकोण और भारत की प्रतिबद्धता :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “दुनिया भारत पर भरोसा करती है, और भारत के साथ सेमीकंडक्टर भविष्य तैयार करने के लिए तैयार है।” यह सिर्फ बयान नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम है। तेल को 20वीं सदी का सोना माना जाता था, और पीएम मोदी ने चिप्स को “डिजिटल हीरे” की संज्ञा बताया है । यह एकदम सही उदाहरण है कि आज का तकनीकी और आर्थिक प्रभाव किस तरह चिप्स पर निर्भर है।
भारत की सेमीकंडक्टर टाइमलाइन: सफलता की कहानी:
- 2021 – इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत, विदेशी निर्भरता कम करने का लक्ष्य रखा गया :
- 2023 – पहला घरेलू सेमीकंडक्टर फैब को स्वीकृति मिली ,
- 2024 – कई फैब और डिज़ाइन सेंटरों को अनुमोदन, निवेश बढ़ाया गया
- 2025 – ₹1.5 लाख करोड़ से अधिक निवेश के साथ 10 प्रमुख प्रोजेक्ट प्रगति पर है |
मेरी राय में, यह तीव्र प्रगति दर्शाती है कि भारत सिर्फ योजनाएँ बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें तेजी से कार्यान्वित करने में सक्षम है। यही वैश्विक निवेशकों और उद्योग को भारत की ओर आकर्षित कर रहा है।
फुल-स्टैक सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम: डिज़ाइन से उत्पादन तक
भारत अब डिज़ाइन, फैब्रिकेशन, पैकेजिंग और डिवाइस इंटीग्रेशन सभी चरणों को कवर कर रहा है। नोएडा और बेंगलुरु डिज़ाइन हब अगली पीढ़ी की चिप्स पर काम कर रहे हैं। व्यक्तिगत रूप से, मुझे लगता है कि यह कदम स्टार्टअप्स और छोटे उद्योगों के लिए भी अवसरों का द्वार खोलता है, जिससे नई तकनीक और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
आधार स्तंभ: खनिज और मानव संसाधन
- राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन के तहत घरेलू खनन और प्रोसेसिंग को बढ़ावा
- भारत का 20% वैश्विक सेमीकंडक्टर डिज़ाइन टैलेंट – मानव संसाधन सबसे बड़ी ताकत
मेरी नजर में, भारत की असली ताकत सिर्फ निवेश या फैक्ट्रियों में नहीं, बल्कि कुशल मानव संसाधन में है। यही भविष्य के चिप्स उद्योग का असली इंजन होगा।
स्टार्टअप्स और MSMEs को सशक्त बनाना
- डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना का पुनर्गठन
- चिप्स-टू-स्टार्टअप प्रोग्राम और नेशनल रिसर्च फंड की घोषणा
स्टार्टअप्स और MSMEs के लिए ये योजनाएँ भारत की नवाचार संस्कृति को मजबूत करेंगी। मेरी राय में, यह कदम छोटे उद्यमियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में लाने में निर्णायक साबित होगा।
भविष्य-तैयार ढाँचा और राज्यों की भागीदारी
राज्यों को प्लग-एंड-प्ले सेमीकंडक्टर पार्क बनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इसमें बिजली, भूमि, पोर्ट कनेक्टिविटी और प्रशिक्षित श्रमिक उपलब्ध होंगे। मेरी नजर में, यह मॉडल उद्योग और राज्य सरकारों के बीच सहयोग का आदर्श उदाहरण है।
रिफॉर्म – परफॉर्म – ट्रांसफॉर्म
पीएम मोदी ने कहा – “डिज़ाइन तैयार है, मास्क अलाइन है, अब समय है सटीक क्रियान्वयन और बड़े पैमाने पर डिलीवरी का।” व्यक्तिगत तौर पर, मैं मानता हूँ कि भारत की सफलता अब केवल नीति में नहीं, बल्कि क्रियान्वयन में तय होगी।
परीक्षा मुख्य तथ्य:-
- लॉन्च : 2 सितम्बर 2025, नई दिल्ली
- थीम : भारत के सेमीकंडक्टर भविष्य में विश्वास
- बाजार लक्ष्य : वैश्विक $1 ट्रिलियन चिप उद्योग में योगदान
- प्रोजेक्ट्स : 10 प्रमुख फैब और डिज़ाइन प्रोजेक्ट, निवेश ₹1.5 लाख करोड़+
- योजनाएँ : नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम, PLI, DLI, स्टार्ट-अप ग्रांट्स
- फोकस सेक्टर : डिज़ाइन, पैकेजिंग, क्रिटिकल मिनरल्स, AI, इमर्सिव टेक्नोलॉजी
निष्कर्ष:
मेरे विचार में, सेमिकॉन इंडिया 2025 केवल एक लॉन्च इवेंट नहीं है, बल्कि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक ठोस कदम है। यह कार्यक्रम निवेश, नवाचार, मानव संसाधन और स्टार्टअप्स को जोड़कर भारत को चिप्स उद्योग में एक निर्णायक शक्ति बनाने का अवसर प्रदान करता है।
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