28 अगस्त 2025 डेली करेंट अफेयर्स हिंदी में – यूपीएससी, बीपीएससी, एसएससी और रेलवे जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर। |
28 August 2025 Daily Prime Current Affairs
नोट: 📌 नोट: आज के करेंट अफेयर्स हाल ही में घटित महत्वपूर्ण समसामयिक घटनाओं पर आधारित हैं। यह संग्रह विशेष रूप से UPSC, BPSC, SSC, Banking सहित अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी है।
(केरल में भव्य आतचमायम शोभायात्रा के साथ ओणम 2025 की हुई शुरुआत ।)
भारत को “त्यौहारों का देश” कहा जाता है। यहाँ हर क्षेत्र और संस्कृति के अपने-अपने पर्व और उत्सव हैं। इन्हीं में से एक है ओणम (Onam) – केरल का सबसे भव्य और विश्वप्रसिद्ध त्यौहार। ओणम केवल एक धार्मिक पर्व नहीं बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परंपरा का संगम है।
ओणम 2025 की शुरुआत इस बार त्रिपुनितुरा (कोच्चि की पूर्व शाही राजधानी) में आटचमायम शोभायात्रा (Athachamayam Procession) से हुई। यह परंपरा ओणम महोत्सव के 10-दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ मानी जाती है।
🎉 ओणम 2025 की खास शुरुआत
स्थान: त्रिपुनितुरा, केरल
आयोजन: आटचमायम शोभायात्रा
अवधि: 10 दिन (फसल पर्व के रूप में)
प्रमुख आकर्षण:
60 फीट लंबा आटापूक्कलम (फूलों की सजावट)
59 पारंपरिक कला रूपों की प्रस्तुतियाँ
19 विषयगत झांकियाँ (सामाजिक संदेशों सहित)
लोक और पॉप संस्कृति का संगम
🏛️ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
त्रिपुनितुरा, जो कभी कोच्चि साम्राज्य की राजधानी था, आज भी अपनी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है।
🔹 ओणम का ऐतिहासिक महत्व
ओणम का संबंध महाबली (महाबलि) राजा की कथा से जुड़ा है। पौराणिक मान्यता है कि त्रेतायुग में महाबली नामक एक असुर राजा ने केरल पर शासन किया। उनका शासनकाल “सुवर्ण युग” कहा जाता है क्योंकि उस समय लोग सुखी, समृद्ध और समानता से जीवन व्यतीत करते थे।
देवताओं को महाबली की लोकप्रियता से खतरा महसूस हुआ और भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर महाबली को पाताल लोक भेज दिया। किंतु विष्णु ने महाबली को आशीर्वाद दिया कि वे हर वर्ष अपने प्रजाजनों से मिलने पृथ्वी पर लौटेंगे।
👉 इसी आगमन की स्मृति में केरल में ओणम महोत्सव मनाया जाता है।
🌺 आतचमायम शोभायात्रा 2025 की भव्यता
🌸 60 फीट का पुष्प-सौंदर्य
वडकुन्नाथन मंदिर के पास थेक्किन्कड मैदान में बना 60 फीट लंबा आटापूक्कलम (फूलों की कलात्मक सजावट) दर्शकों का मुख्य आकर्षण रहा।
150 कलाकारों की टीम ने 1,500 किलो फूलों का उपयोग किया।
यह सजावट ओणम की सामूहिकता और रचनात्मकता का प्रतीक है।
🎭 विविधता और रंगों की झलकियाँ
शोभायात्रा का नेतृत्व महाबली और वामन के वेशभूषा में सजे कलाकारों ने किया।
59 पारंपरिक कला रूप जैसे:
थेय्यम
कथकली
कुम्माट्टी
कोलकली
पुलिकली (बाघ नृत्य)
मार्गमकली
कलरिपयट्टु (मार्शल आर्ट)
50 से अधिक सांस्कृतिक दलों ने पौराणिक पात्रों, पशु-पक्षियों और सामाजिक व्यंग्यों का प्रदर्शन किया।
🪔 19 विषयगत झांकियाँ
इन झांकियों का उद्देश्य केवल मनोरंजन ही नहीं बल्कि समाज में जागरूकता फैलाना भी रहा।
नशा मुक्ति
पर्यावरण संरक्षण
महिला सशक्तिकरण
शिक्षा और स्वास्थ्य
🎬 परंपरा और आधुनिक पॉप संस्कृति का संगम
ओणम केवल पारंपरिक कला तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें युवाओं और पर्यटकों के लिए आधुनिक मनोरंजन भी शामिल था।
लोकप्रिय फिल्म पात्र जैसे एम्पुरान, पुष्पा
सुपरस्टार्स की झलकियाँ: रजनीकांत, कमल हासन, कलाभवन मणि
इन प्रस्तुतियों ने यह दिखाया कि कैसे ओणम आधुनिक और पारंपरिक संस्कृति के बीच सेतु का काम करता है।
📚 प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
संभावित प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: ओणम उत्सव की शुरुआत किस शोभायात्रा से होती है?
👉 उत्तर: आतचमायम शोभायात्रा, त्रिपुनितुरा से।
प्रश्न 2: ओणम किस राजा की स्मृति में मनाया जाता है?
👉 उत्तर: महाबली राजा।
प्रश्न 3: ओणम उत्सव कितने दिनों तक मनाया जाता है?
👉 उत्तर: 10 दिन।
प्रश्न 4: ओणम के दौरान पुलिकली क्या है?
👉 उत्तर: बाघ की तरह रंगे कलाकारों का पारंपरिक नृत्य।
प्रश्न 5: आटापूक्कलम क्या है?
👉 उत्तर: फूलों की कलात्मक सजावट, जो ओणम का प्रतीक है।
🌾 ओणम का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
सामाजिक एकता: जाति-धर्म से ऊपर उठकर सभी लोग मिलकर इसे मनाते हैं।
कृषि महोत्सव: यह फसल कटाई का पर्व है, जिसमें समृद्धि और कृतज्ञता का संदेश है।
आर्थिक दृष्टिकोण: ओणम पर्यटन को बढ़ावा देता है और हजारों लोगों को रोजगार देता है।
सांस्कृतिक पहचान: केरल की पहचान विश्व स्तर पर ओणम से जुड़ी है।
🌍 ओणम और पर्यटन
ओणम के अवसर पर केरल में लाखों पर्यटक आते हैं।
विदेशी पर्यटक विशेष रूप से कथकली, पुलिकली और नाव दौड़ (Vallam Kali) देखने आते हैं।
राज्य सरकार भी इसे ब्रांड-केरल की तरह प्रमोट करती है।
✨ 2025 का ओणम क्यों रहा खास?
इस बार उद्घाटन बारिश की बजाय सुहावने मौसम में हुआ।
पहली बार कई झांकियों ने AI तकनीक और डिजिटल कला का उपयोग किया।
युवा पीढ़ी को आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया पर #Onam2025 ट्रेंड कराया गया।
📝 निष्कर्ष
ओणम 2025 केवल एक पर्व नहीं बल्कि भारत की विविधता, संस्कृति और एकता का उत्सव है। आतचमायम शोभायात्रा ने इस परंपरा की भव्यता को और भी शानदार बना दिया। यह महोत्सव हमें यह सिखाता है कि आधुनिकता के बीच भी अपनी जड़ों और परंपराओं को कैसे संजोकर रखा जाए।
👉 यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं या भारतीय संस्कृति को गहराई से समझना चाहते हैं, तो ओणम और इसकी परंपराएँ आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण विषय हैं।
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