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RBI के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल बने IMF के कार्यकारी निदेशक

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RBI के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल बने IMF के कार्यकारी निदेशक

🌍 RBI के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल बने IMF के कार्यकारी निदेशक


✨ परिचय
भारत की आर्थिक कूटनीति और वैश्विक वित्तीय संस्थानों में भागीदारी लगातार मजबूत हो रही है। इसी क्रम में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में कार्यकारी निदेशक (Executive Director) नियुक्त किया गया है।

👉 यह नियुक्ति 28 अगस्त 2025 को औपचारिक रूप से घोषित की गई। अब उर्जित पटेल IMF बोर्ड में भारत और अपने निर्वाचन क्षेत्र के अन्य देशों का प्रतिनिधित्व करेंगे।

📌 नियुक्ति का विवरण
घोषणा की तिथि:            28 अगस्त 2025
पद:                              कार्यकारी निदेशक, IMF
कार्यकाल:                      3 वर्ष
👉 यह नियुक्ति भारत की बढ़ती वैश्विक आर्थिक स्थिति और बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों में उसकी सक्रियता को दर्शाती है।

👔 उर्जित पटेल की पेशेवर पृष्ठभूमि
उर्जित पटेल का करियर लंबे समय से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अनुभवों से भरा रहा है:
24वें RBI गवर्नर (4 सितंबर 2016 – 10 दिसंबर 2018)
IMF में पूर्व में कई देशों – भारत, अमेरिका, बहामास और म्यांमार – में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ
निजी क्षेत्र की परामर्श कंपनियों में कार्य का अनुभव
केंद्र और राज्य स्तर की आर्थिक नीतियों और सलाहकार समितियों में योगदान

📖 RBI गवर्नर रहते समय प्रमुख घटनाक्रम


उर्जित पटेल का कार्यकाल भारतीय वित्तीय इतिहास के कुछ बड़े बदलावों के साथ जुड़ा रहा:




1. नोटबंदी (Demonetisation)
नवंबर 2016 में ₹500 और ₹1000 के नोट बंद किए गए।

इस बड़े कदम ने RBI की तैयारी, प्रबंधन और पारदर्शिता की बड़ी परीक्षा ली।




2. वस्तु एवं सेवा कर (GST) का कार्यान्वयन
जुलाई 2017 में लागू हुए GST ने भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को एकीकृत किया।

इस बदलाव के दौरान उर्जित पटेल RBI का नेतृत्व कर रहे थे।




3. RBI–सरकार टकराव
उनके कार्यकाल के अंतिम समय में RBI और केंद्र सरकार के बीच स्वायत्तता को लेकर विवाद सामने आया।

मुख्य मुद्दे थे:

RBI के अधिशेष भंडार (₹3.6 लाख करोड़) सरकार को स्थानांतरित करना

नियामक नीतियों और स्वायत्त निर्णय लेने की स्वतंत्रता


🌍 IMF में भूमिका का महत्व


उर्जित पटेल की यह नई जिम्मेदारी भारत के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है: IMF जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की आवाज़ और मजबूत होगी। भारत को वैश्विक आर्थिक नीतियों और वित्तीय सुधारों में अधिक प्रभाव मिलेगा। यह नियुक्ति भारत की आर्थिक कूटनीति को नई दिशा देगी।


📖 प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य


नियुक्ति की तिथि : 28 अगस्त 2025 पद: कार्यकारी निदेशक, IMF कार्यकाल: 3 वर्ष पूर्व पद: 24वें RBI गवर्नर प्रमुख घटनाएँ: नोटबंदी, GST, RBI–सरकार विवाद


✅ निष्कर्ष
उर्जित पटेल की IMF में कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्ति भारत की बढ़ती वैश्विक साख का प्रमाण है। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव से IMF में भारत की स्थिति और भी मजबूत होगी।

👉 यह नियुक्ति न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था की वैश्विक पहचान को सुदृढ़ करेगी बल्कि भारत की आर्थिक कूटनीति और नीति निर्माण क्षमता को भी नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएगी।

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