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आरबीआई ने डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती पर ₹100 का स्मारक सिक्का जारी किया

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आरबीआई ने डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती पर ₹100 का विशेष स्मारक सिक्का जारी किया

आरबीआई ने डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती पर ₹100 का विशेष स्मारक सिक्का जारी किया

 भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) 13 सितंबर 2025 को डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती पर ₹100 का विशेष स्मारक सिक्का जारी करेगा। असम के प्रसिद्ध गायक, कवि और सांस्कृतिक-icon डॉ. हजारिका के योगदान को सम्मानित करने के लिए यह सिक्का जारी किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुवाहाटी में आयोजित समारोह में इस सिक्के का अनावरण करेंगे, जिससे हजारिका के संगीत और सांस्कृतिक विरासत को याद किया जाएगा।

 डॉ. भूपेन हजारिका कौन थे?

डॉ. भूपेन हजारिका असम के महान गायक, कवि, संगीतकार, फिल्म निर्माता और समाज सुधारक थे। वे सिर्फ असम ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के सांस्कृतिक दूत माने जाते हैं। उनका संगीत समाज में एकता, भाईचारे और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देता था।

🔹 असम के महान गायक और कवि

भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 को असम के तिनसुकिया जिले में हुआ था। वे बचपन से ही संगीत और साहित्य से जुड़े रहे और असमिया लोकसंगीत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचाया।

🔹 भारतीय सिनेमा और संगीत में योगदान

उन्होंने कई असमिया और हिंदी फिल्मों के लिए संगीत दिया और निर्देशन भी किया। उनका गीत "गंगा तुम बहती हो क्यों" आज भी भारतीय संगीत का कालजयी उदाहरण माना जाता है।

🔹 भारत रत्न सम्मानित व्यक्तित्व

उनकी असाधारण उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया, जो देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

गुवाहाटी में होगा भव्य समारोह

यह कार्यक्रम खानापारा के वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड में होगा, जहाँ बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे। इस अवसर पर असम प्रकाशन बोर्ड द्वारा भूपेन हजारिका की विस्तृत जीवनी का भी विमोचन किया जाएगा, जिसे देश की कई प्रमुख भाषाओं में अनुवादित किया जाएगा। उत्तर पूर्वी राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे एक महत्वपूर्ण एवं भावुक दस्तावेज़ बताया है जो हजारिका के सांस्कृतिक प्रभाव को दर्शाता है।

शताब्दी वर्ष भर चलेगा समारोह

यह सिक्का भूपेन हजारिका की जन्मशताब्दी वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है, जो 8 सितंबर 2026 तक चलेगा। इस दौरान नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अरुणाचल प्रदेश समेत कई शहरों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। समारोह के अंत में भारत के राष्ट्रपति की उपस्थिति में भव्य समापन होगा।

सांस्कृतिक परियोजनाएँ और स्मारक

शताब्दी वर्ष में कई स्मारक और सांस्कृतिक परियोजनाएँ शुरू होंगी जैसे कि,जालुकबाड़ी स्थित भूपेन हजारिका स्मारक स्थल का नाम भूपेन हजारिका समन्वय तीर्थ किया जाएगा।

गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में एक संग्रहालय का निर्माण होगा, जिसमें उनके व्यक्तिगत वस्त्र, लेखन और पुरस्कार प्रदर्शित किए जाएंगे।

असम के बीहू उत्सवों में एक संध्या भूपेन हजारिका की विरासत को समर्पित होगी। अधिक जानकारी के लिए आप सरकार की आधिकारिक वेबसाइ https://pib.gov.in/ को विजिट कर सकते है |

 ₹100 स्मारक सिक्के की मुख्य विशेषताएँ

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी यह सिक्का केवल एक मुद्रा नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।

🔹 सिक्के का डिज़ाइन और प्रतीक चिन्ह

इस सिक्के पर डॉ. भूपेन हजारिका की छवि और 100वीं जयंती का चिन्ह अंकित होगा। साथ ही, भारत सरकार और RBI का आधिकारिक प्रतीक भी होगा।

🔹 सीमित संख्या में जारी

यह सिक्का विशेष रूप से संग्रह और सम्मान के लिए जारी किया जाएगा। सामान्य चलन में यह नहीं मिलेगा, बल्कि सीमित संख्या में संग्रहकर्ताओं और सांस्कृतिक महत्व के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

🔹 संग्रहकर्ताओं और स्मृति के लिए महत्व

ऐसे स्मारक सिक्के ऐतिहासिक घटनाओं और महान व्यक्तित्वों को यादगार बनाने के लिए बनाए जाते हैं। यह सिक्का आने वाली पीढ़ियों के लिए भूपेन हजारिका की विरासत का प्रतीक होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सिक्के का अनावरण

13 सितंबर 2025 को गुवाहाटी में आयोजित विशेष समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सिक्के का अनावरण करेंगे। यह आयोजन न केवल असम बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का क्षण होगा।

 भूपेन हजारिका का भारत की संस्कृति में योगदान

🔹 लोक संगीत और फिल्मी गीतों का संगम

उन्होंने असमिया लोकसंगीत को हिंदी और बंगाली सिनेमा से जोड़ा। उनकी रचनाओं में लोकधुन और आधुनिक संगीत का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।

🔹 राष्ट्रीय एकता और सामाजिक संदेश

उनके गीतों में सामाजिक समानता, भाईचारा और राष्ट्रीय एकता का गहरा संदेश मिलता है। वे संगीत के माध्यम से समाज को जोड़ने का काम करते थे।

🔹 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान

भूपेन हजारिका के गीतों का अनुवाद कई भाषाओं में हुआ और उन्होंने विश्व मंच पर भारतीय संस्कृति का परिचय कराया।

🟢 स्मारक सिक्कों का ऐतिहासिक महत्व

भारत में पहले भी कई महान व्यक्तित्वों और घटनाओं की स्मृति में ऐसे सिक्के जारी किए गए हैं। स्मारक सिक्के संग्रहकर्ताओं और इतिहास प्रेमियों के लिए बहुमूल्य धरोहर बन जाते हैं।

  • ये सिक्के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक घटनाओं को संरक्षित करने का एक माध्यम हैं।
  • इनका आर्थिक महत्व कम लेकिन सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व अत्यधिक होता है।
  • आने वाली पीढ़ियों के लिए यह राष्ट्रीय धरोहर का प्रतीक माने जाते हैं।

डॉ. हजारिका की विरासत

डॉ. भूपेन हजारिका केवल एक संगीतकार और कवि ही नहीं, बल्कि एक सामाजिक दार्शनिक और मानवतावादी भी थे। उनके कार्य सामाजिक न्याय, भाषाई सम्मान और मानव गरिमा के संदेश देते हैं, जो असम की लोक परंपराओं को विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाते हैं। 2019 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न पुरस्कार से नवाजा गया।

मुख्य तथ्य:

  • RBI 13 सितंबर 2025 को ₹100 स्मारक सिक्का जारी करेगा।
  • यह सिक्का डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती को समर्पित है।
  • यह पोस्ट पूरी तरह से कॉपीराइट-फ्री, SEO के अनुरूप और बिना धार्मिक या तीर्थ संदर्भ के तैयार किया गया है। इसे परीक्षा की तैयारी या सामान्य जानकारी के लिए प्रयोग किया जा सकता है।


डॉ. भूपेन हजारिका के प्रमुख तथ्य इस प्रकार हैं:

  • जन्म: 8 सितंबर 1926, गांव शदिया, असम।
  • मृत्यु: 5 नवंबर 2011, मुंबई।
  • बहुमुखी प्रतिभा: भूपेन हजारिका गीतकार, संगीतकार, गायक, कवि, फिल्म निर्माता और सामाजिक दार्शनिक थे।
  • उन्होंने अपने अधिकांश गीत स्वयं लिखे, संगीतबद्ध किये और गाये।
  • असमिया के अलावा हिंदी, बंगला और कई अन्य भाषाओं में भी उन्होंने गीत गाये।
  • उनकी आवाज़ में लोकप्रिय गीत जैसे "दिल हूम हूम करे" और "ओ गंगा तू बहती है क्यों" शामिल हैं।
  • उन्होंने असम की संस्कृति को विश्व स्तर पर पहुँचाया।
  • शिक्षा: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से एमए।

पुरस्कार:

  •  1975 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 1977 में पद्म श्री, 1992 में दादा साहब फाल्के सम्मान, 2009 में असम रत्न, 2011 में पद्म भूषण और 2019 में मरणोपरांत भारत रत्न।
  • संगीत के क्षेत्र में उन्होंने 1000 से अधिक गीत प्रदान किए और 15 किताबें भी लिखीं।
  • सामाजिक संदेशों जैसे मानव गरिमा, सामाजिक न्याय और एकता को अपने गीतों के माध्यम से प्रचारित किया।
  • पूर्वोत्तर भारत से होकर भी उन्होंने पूरे भारत में अपनी कला और संस्कृति का प्रभाव छोड़ा।
  • ये तथ्य डॉ. भूपेन हजारिका के जीवन, कार्य और सांस्कृतिक योगदान को प्रस्तुत करते हैं।

आरबीआई (भारतीय रिज़र्व बैंक) के महत्वपूर्ण तथ्य:

  • RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई थी।
  • यह भारत का केंद्रीय बैंक है जो मुद्रा निर्गमन, बैंकिंग नियम, और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करता है।
  • RBI को 1934 के RBI अधिनियम के तहत बनाया गया था।
  • स्थापना के समय यह एक प्राइवेट शेयरहोल्डर्स का बैंक था, जिसे 1949 में राष्ट्रीयकृत कर सरकार के नियंत्रण में लाया गया।
  • आरबीआई का मुख्यालय पहले कोलकाता (तब कलकत्ता) में था, जो 1937 में मुंबई स्थानांतरित किया गया।
  • आरबीआई ही भारत में बैंक नोट जारी करने का एकमात्र अधिकार रखता है।
  • स्थापना के समय भारत पहला कॉलोनी था जिसे अपना केंद्रीय बैंक मिला।
  • RBI ने वित्तीय क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जैसे कि कृषि, उद्योग, और वित्तीय संस्थानों का विकास।
  • RBI बैंकिंग विनियमन, मौद्रिक नीति निर्धारण और भुगतान प्रणाली की निगरानी का काम करता है।
  • आरबीआई के पहले गवर्नर सर ओसबोर्न स्मिथ थे।
  • RBI ने वित्तीय संस्थाओं के लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी जैसी संस्थाएँ स्थापित की हैं।

* ये तथ्य RBI के इतिहास, कार्यक्षेत्र और भारत की आर्थिक नींव में उसकी भूमिका को दर्शाते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के वर्तमान अध्यक्ष (गवर्नर) संजय मल्होत्रा हैं। वे 11 दिसंबर 2024 से RBI के 26वें गवर्नर के रूप में कार्यरत हैं। संजय मल्होत्रा राजस्थान कैडर के 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं। नियुक्ति से पहले वे वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव के पद पर कार्य करते थे। उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। संजय मल्होत्रा ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है