दिल्ली में बहु-कला उत्सव का आयोजन |
1. घटना का तथ्यगत विवरण
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दिल्ली में एक बहु-कला उत्सव (Multi-Art Festival) आयोजित किया गया है, जिसमें संगीत, नृत्य, नाटक, चित्रकला, हस्तशिल्प और लोककलाओं का प्रदर्शन हो रहा है।
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यह उत्सव दिल्ली की ऐतिहासिक-सांस्कृतिक धरोहर और विविध भारतीय कलाओं को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करता है।
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उत्सव में भारत के अलग-अलग राज्यों की लोककला, शास्त्रीय कला और समकालीन (contemporary) कला को एक मंच पर लाया गया है।
2 क्यों महत्वपूर्ण है?
यह उत्सव भारत की संस्कृति आधारित ‘Soft Power’ को बढ़ावा देता है।
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राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन।
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पर्यटन और अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव।
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संविधान के अनुच्छेद 49 और 51A(f): सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण और नागरिक कर्तव्य।
3. प्रभाव-विश्लेषण (Analysis & Implications)
सांस्कृतिक एकता: भारत की “Unity in Diversity” की अवधारणा को पुष्ट करता है।
पर्यटन और अर्थव्यवस्था: देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करके स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा।
युवा सहभागिता: नई पीढ़ी को भारतीय कला-संस्कृति से जोड़ना।
अंतरराष्ट्रीय पहचान: सांस्कृतिक कूटनीति और भारत की छवि को वैश्विक स्तर पर सुदृढ़ करना।
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