प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25वे SCO शिखर सम्मेलन में लिया भाग ,किन किन मुद्दों पर हुई चर्चा |
चीन में हो रहे 25 वें SCO शिखर सम्मेलन में इस बार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद भाग लिया है ,और भारत चीन संबंधों को बेहतर करने हेतु कई मुद्दों पर चर्चा किए है |इस बार की SCO शिखर सम्मेलन चीन में 31 अगस्त से लेकर 01 सितंबर 2025 के बीच संपन्न हुआ जिसमें भारत चीन संबंधों को लेकर कई चर्चाएं हुई |
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए संबोधन की मुख्य बातें निम्न है |
* प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमुख तीन बिंदुओं पर अपना आधार प्रकट करते हुए अपनी संबोधन को प्रस्तुत किया है |
01 सुरक्षा संबंधी : सीमापार आतंकवाद , आतंकवादियों को किया जाने वाला अवैध रूप से फंडिंग , और कट्टरपंथ से मुकाबला |
02. अंतराष्ट्रीय कनेक्टिविटी : अंतराष्ट्रीय सीमा पर बुनियादी ढांचा और यातायात साधनों को और बेहतर और मजबूत करना |
03. अवसर प्रदान करना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार नवाचार को बढ़ावा देना, संस्कृति संवाद को प्रोत्साहित करना , और युवाओं को नई तकनीक सिखलाने पर बाल देना |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए ,आतंकवाद पर शून्य सहनशीलता की नीति को दोहराते हुए आतंकवादियों को मिलने वाले अवैध रूप से फंडिंग को रोकने और उनके विचार धाराओं पर सख्त करवाई करने की अपील किया है |
उन्होंने आतंकवादियों पर जो देश दोहरा रवैया को अपनाते है उन्हे कड़ा संदेश दिया है और उनकी आलोचना किया है |उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ा निंदा करते हुए सभी देशों से एकजुटता दिखाने की अपील किया |
चाहबहार पोर्ट को मध्य एशिया से संपर्क जोड़ने पर बाल देना चाहिए |
डिजिटल और भौतिक संपर्क को बढ़ावा देना |
नए सदस्यों का प्रवेश और SCO का विस्तार
इस शिखर सम्मेलन की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि ईरान और बेलारूस का SCO के नए पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल होना था। ईरान, जो लंबे समय से संगठन में शामिल होने का इच्छुक था, को अब एक पूर्ण सदस्य का दर्जा मिल गया, जिससे SCO का विस्तार हुआ और इसकी भू-राजनीतिक पहुंच बढ़ी। बेलारूस का भी सदस्य बनना SCO की बढ़ती लोकप्रियता और उसके प्रभाव को दर्शाता है।
निष्कर्ष: तियानजिन घोषणा और भविष्य का मार्ग |
SCO शिखर सम्मेलन का समापन तियानजिन घोषणा को अपनाने के साथ हुआ। यह घोषणा पत्र सदस्य देशों के बीच सहमति के बिंदुओं को दर्शाता है और इसमें आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, आर्थिक एकीकरण, कनेक्टिविटी, और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भविष्य की कार्य योजनाएँ शामिल हैं।
कुल मिलाकर, SCO शिखर सम्मेलन 2025 ने न केवल क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर महत्वपूर्ण चर्चाएँ कीं, बल्कि यह भी दिखाया कि संगठन कैसे बदलती दुनिया के साथ खुद को ढाल रहा है। भारत के लिए, यह एक ऐसा मंच था जहाँ वह अपनी बढ़ती वैश्विक शक्ति का प्रदर्शन कर सकता था, अपनी सुरक्षा और संप्रभुता संबंधी चिंताओं को उठा सकता था, और साथ ही व्यापार और तकनीक जैसे क्षेत्रों में नए सहयोग के अवसर तलाश सकता था। इस शिखर सम्मेलन ने यह भी पुष्टि की कि SCO पश्चिमी-नेतृत्व वाले वैश्विक व्यवस्था के समानांतर एक शक्तिशाली बहु-ध्रुवीय विश्व की ओर बढ़ रहा है।
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