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भारत ने अंतरिक्ष कार्यक्रम में 9 विश्व रिकॉर्ड बनाए – इसरो 2025

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भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण में 9 विश्व रिकॉर्ड बनाए – इसरो (11 सितम्बर 2025)

"भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियाँ – इसरो रॉकेट प्रक्षेपण, मंगलयान, चंद्रयान-3, भारतीय उपग्रह और तिरंगे के साथ अंतरिक्ष यात्री।"dailyprime247.in



India Space Records 2025: इसरो ने बनाए 9 विश्व रिकॉर्ड

भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम आज विश्व स्तर पर चर्चा का विषय है। 11 सितम्बर 2025 को इसरो (ISRO) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने घोषणा की कि भारत ने अब तक 9 विश्व रिकॉर्ड अंतरिक्ष प्रगति में बनाए हैं। आने वाले वर्षों में 8–10 और नए मील के पत्थर हासिल करने की योजना है।

भारत की रणनीति हमेशा से रही है – कम लागत, उच्च दक्षता और स्वदेशी नवाचार (Low Cost, High Efficiency, Indigenous Innovation)। यही कारण है कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम दुनिया भर के देशों के लिए एक मॉडल बन चुका है।

ISRO-SCL ने लॉन्च किया भारत का पहला 32-बिट Vikram 3201 प्रोसेसर:


भारत की प्रमुख ऐतिहासिक उपलब्धियाँ (Major Achievements of ISRO)

भारत ने पिछले दो दशकों में कई ऐसे मिशन पूरे किए हैं, जिन्हें वैश्विक स्तर पर ऐतिहासिक माना गया।

🔹 मंगलयान (2014)

  • भारत पहले प्रयास में मंगल पर पहुँचने वाला विश्व का पहला देश बना।

  • मिशन की लागत लगभग 450 करोड़ रुपये थी, जो हॉलीवुड फिल्म "ग्रैविटी" के बजट से भी कम थी।

  • इस मिशन ने भारत की तकनीकी दक्षता और लागत प्रभावशीलता को साबित किया।

🔹 PSLV–C37 (2017)

  • भारत ने एक ही मिशन में 104 उपग्रह प्रक्षेपित कर विश्व रिकॉर्ड बनाया।

  • इस उपलब्धि ने भारत को सैटेलाइट लॉन्च सेवाओं के लिए सबसे भरोसेमंद और सस्ता विकल्प बना दिया।

🔹 चंद्रयान–2 (2019)

  • हालांकि लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक नहीं उतर पाया, लेकिन ऑर्बिटर ने चंद्रमा की कक्षा में काम करना शुरू किया।

  • अब तक का सबसे उत्कृष्ट ऑर्बिटर कैमरा स्थापित किया गया।

  • यह ऑर्बिटर आज भी महत्वपूर्ण वैज्ञानिक आंकड़े भेज रहा है।

🔹 चंद्रयान–3 (2023)


क्रायोजेनिक प्रौद्योगिकी में प्रगति (Cryogenic Technology Achievements)

भारत ने 2014 से 2017 के बीच 3 वैश्विक रिकॉर्ड क्रायोजेनिक इंजन तकनीक में बनाए।

  • LVM3 (Launch Vehicle Mark–3) का पहला उड़ान परीक्षण केवल 28 महीनों में पूरा हुआ।

  • अन्य देशों को यही तकनीक विकसित करने में 37–108 महीने लगते हैं।

  • इस उपलब्धि ने भारत को स्वदेशी क्रायोजेनिक तकनीक का अग्रणी बना दिया, जो भारी रॉकेट और गहरे अंतरिक्ष अभियानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

  • United Nations – Space Affairs (UNOOSA)](https://www.unoosa.orghttps://www.unoosa.org)  


भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का पैमाना (Scale of ISRO Missions)

भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम केवल शोध तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और विकास पर भी पड़ा है।

मुख्य आँकड़े:

  • 4,000 से अधिक रॉकेट प्रक्षेपण

  • 133 उपग्रह कक्षा में स्थापित।

  • 50+ देशों के लिए उपग्रह प्रक्षेपण सेवाएँ।

योगदान के क्षेत्र:

  • राष्ट्रीय सुरक्षा – निगरानी उपग्रहों से रक्षा तैयारियाँ मजबूत।

  • आपदा प्रबंधन – सैटेलाइट डेटा से चक्रवात, बाढ़ और भूकंप की समय पर चेतावनी।

  • संचार और कनेक्टिविटी – ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में इंटरनेट और टेलीविजन।

  • आर्थिक विकास – अंतरिक्ष तकनीक आधारित स्टार्टअप्स और उद्यमिता।

  • शिक्षा और शोध – छात्रों और वैज्ञानिकों के लिए रिसर्च प्लेटफॉर्म।

भारत का मॉडल:
👉 Low-Cost + High-Performance = Global Benchmark


भविष्य की योजनाएँ और लक्ष्य (Future Plans of ISRO)

इसरो आने वाले वर्षों में कई महत्वाकांक्षी योजनाओं पर काम कर रहा है।

मुख्य फोकस क्षेत्र:

  • प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी में नवाचार

  • पृथ्वी अवलोकन एवं सुरक्षा अनुप्रयोग

  • नए चंद्रमा और मंगल मिशन

गगनयान परियोजना (Human Spaceflight Program)

  • भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान योजना

  • 2040 तक मानवयुक्त चंद्रमा मिशन का लक्ष्य।

  • भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल होगा, जो अंतरिक्ष में मनुष्य भेजने और चंद्रमा पर उतारने में सक्षम हैं।

  • Press Information Bureau – Space Missions](https://pib.gov.in)  


परीक्षा दृष्टि से महत्वपूर्ण तथ्य (Key Facts for UPSC/BPSC)

बिंदुतथ्य
वर्तमान इसरो अध्यक्षवी. नारायणन
अब तक के विश्व रिकॉर्ड9
मंगलयान (2014)पहले प्रयास में मंगल पर पहुँचा
PSLV–C37 (2017)एक साथ 104 उपग्रह प्रक्षेपण
चंद्रयान–2 (2019)सर्वश्रेष्ठ ऑर्बिटर कैमरा
चंद्रयान–3 (2023)चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश
भविष्य का लक्ष्य2040 तक मानवयुक्त चंद्रमा मिशन

निष्कर्ष (Conclusion)

भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम केवल वैज्ञानिक गौरव का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह देश की रणनीतिक, आर्थिक और वैश्विक स्थिति को भी मजबूत करता है।
ISRO की कम लागत, उच्च दक्षता और नवाचार की नीति ने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान में अग्रणी बना दिया है।
आने वाले दशकों में भारत निश्चित रूप से मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान और गहरे अंतरिक्ष मिशनों में अग्रणी देशों की सूची में शामिल होगा।

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FAQs

Q1. भारत ने अब तक कितने विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं?

Ans: 2025 तक भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण में 9 विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं।

Q2. मंगलयान मिशन की सबसे बड़ी विशेषता क्या थी?

Ans: भारत पहले प्रयास में मंगल ग्रह तक पहुँचने वाला पहला देश बना और इसकी लागत भी बेहद कम थी।

Q3. PSLV–C37 मिशन क्यों महत्वपूर्ण था?

Ans: इसमें एक ही मिशन में 104 उपग्रह प्रक्षेपित कर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया।

Q4. चंद्रयान–3 की प्रमुख उपलब्धि क्या रही?

Ans: भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना।

Q5. इसरो का भविष्य लक्ष्य क्या है?

Ans: 2040 तक मानवयुक्त चंद्रमा मिशन और नए मंगल–चंद्रमा अभियानों का संचालन।