अपोलो टायर्स बना टीम इंडिया का नया प्रायोजक: ₹579 करोड़ की ऐतिहासिक डील
अपोलो टायर्स टीम इंडिया का नया प्रायोजक (परिचय)
भारतीय क्रिकेट केवल एक खेल नहीं बल्कि एक भावना है। इसकी लोकप्रियता और व्यावसायिक क्षमता इतनी विशाल है कि दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियाँ इसके साथ जुड़ना चाहती हैं। भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर प्रायोजक बनने का मौका हमेशा ही प्रतिष्ठा और वैश्विक ब्रांडिंग का प्रतीक रहा है।
इसी कड़ी में 16 सितंबर 2025 को बीसीसीआई (Board of Control for Cricket in India) ने घोषणा की कि अपोलो टायर्स (Apollo Tyres) को टीम इंडिया का नया लीड स्पॉन्सर चुना गया है। यह सौदा कुल ₹579 करोड़ का है और तीन साल (2025–2028) तक चलेगा। यह डील भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे महंगे स्पॉन्सरशिप करारों में से एक है।
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यह साझेदारी कुल 142 मैचों (121 द्विपक्षीय और 21 आईसीसी मुकाबले) को कवर करेगी। इस दौरान टीम इंडिया की जर्सी पर अपोलो टायर्स का लोगो दिखाई देगा। इस डील के साथ ही अपोलो को न केवल भारतीय क्रिकेट के करोड़ों प्रशंसकों तक पहुँचने का अवसर मिलेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ब्रांड की दृश्यता और पहचान बढ़ेगी।
डील के मुख्य तथ्य (Key Facts)
नया स्पॉन्सर: अपोलो टायर्स
पूर्व स्पॉन्सर: Dream11
डील वैल्यू: ₹579 करोड़
अवधि: 3 साल (2025–2028)
मैच कवर: 142 (121 द्विपक्षीय + 21 आईसीसी)
औसत प्रति मैच राशि: ₹4.77 करोड़
कड़ी प्रतिस्पर्धा और रिकॉर्ड बोली
बीसीसीआई ने इस प्रायोजन के लिए पारदर्शी बोली प्रक्रिया आयोजित की।
बेस प्राइस (Base Price):
द्विपक्षीय मैच: ₹3.5 करोड़ प्रति मैच
आईसीसी मैच: ₹1.5 करोड़ प्रति मैच
बोली लगाने वाली कंपनियाँ
अपोलो टायर्स: ₹579 करोड़ (विजेता)
कैनवा: ₹544 करोड़
जे.के. सीमेंट्स: ₹477 करोड़
बिरला ऑप्टस पेंट्स: बिडिंग से पहले बाहर
➡ अपोलो की आक्रामक बोली ने प्रति मैच औसतन ₹4.77 करोड़ का नया रिकॉर्ड बना दिया।
नए स्पॉन्सर की आवश्यकता क्यों पड़ी?
टीम इंडिया का पिछला लीड स्पॉन्सर Dream11 था। लेकिन ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम के तहत आई कानूनी पाबंदियों के चलते Dream11 को पीछे हटना पड़ा। बीसीसीआई ने स्पष्ट किया कि अब निम्न सेक्टर की कंपनियाँ प्रायोजन प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकेंगी:
बेटिंग कंपनियाँ
ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म
क्रिप्टोकरेंसी आधारित कंपनियाँ
तंबाकू से जुड़ी कंपनियाँ
➡ इस फैसले ने विश्वसनीय और वैश्विक ब्रांड्स जैसे अपोलो टायर्स के लिए अवसर खोल दिए।
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अपोलो टायर्स को इस साझेदारी से लाभ
वैश्विक दृश्यता: भारतीय क्रिकेट टीम दुनिया की सबसे ज़्यादा देखी जाने वाली टीमों में से है।
ब्रांड पहचान: करोड़ों दर्शकों और फैंस तक पहुँच।
जर्सी पर लोगो: द्विपक्षीय और आईसीसी टूर्नामेंट्स में अपोलो का लोगो।
रणनीतिक जुड़ाव: युवाओं और खेलप्रेमियों से सीधा कनेक्शन।
रणनीतिक महत्व
बीसीसीआई के लिए:
भारतीय क्रिकेट की ब्रांड वैल्यू को बनाए रखना।
बदलते नियमों के बावजूद प्रायोजकों का भरोसा कायम रखना।
रिकॉर्ड तोड़ बोली से वित्तीय मजबूती।
अपोलो टायर्स के लिए:
वैश्विक पहचान में वृद्धि।
युवाओं और खेल के साथ मजबूत जुड़ाव।
पहले से मौजूद खेल साझेदारियों (ISL, मोटरस्पोर्ट्स) को और मज़बूत करना।
भारतीय क्रिकेट टीम स्पॉन्सरशिप का इतिहास
1990s – 2001: ITC (Wills)
2002 – 2014: Sahara India Pariwar (12 साल तक सबसे लंबी साझेदारी)
2014 – 2017: Star India
2017 – 2019: OPPO Mobile
2019 – 2020: BYJU’s
2020 – 2025: Dream11
2025 – 2028: Apollo Tyres
➡ यह इतिहास बताता है कि भारतीय क्रिकेट ब्रांडिंग का केंद्र बिंदु रहा है और अलग-अलग उद्योगों की कंपनियाँ इससे जुड़ी हैं।
परीक्षा दृष्टिकोण से मुख्य तथ्य
नया स्पॉन्सर: अपोलो टायर्स
डील वैल्यू: ₹579 करोड़
अवधि: 2025–2028 (3 साल)
मैच: 142 (121 द्विपक्षीय + 21 ICC)
औसत प्रति मैच राशि: ₹4.77 करोड़
पूर्व स्पॉन्सर: Dream11
प्रतिस्पर्धी: Canva (₹544 करोड़), JK Cements (₹477 करोड़)
स्पॉन्सरशिप इतिहास: सहारा, OPPO, BYJU’s, Dream11
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. टीम इंडिया का नया लीड स्पॉन्सर कौन है?
👉 अपोलो टायर्स।
Q2. यह डील कितनी बड़ी है?
👉 ₹579 करोड़।
Q3. यह स्पॉन्सरशिप कितने मैचों को कवर करेगी?
👉 कुल 142 (121 द्विपक्षीय + 21 आईसीसी)।
Q4. पूर्व स्पॉन्सर कौन था?
👉 Dream11।
Q5. किन सेक्टर की कंपनियों को बीसीसीआई ने बैन किया है?
👉 बेटिंग, ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टो और तंबाकू।
Q6. बोली में दूसरे स्थान पर कौन-सी कंपनी रही?
👉 Canva (₹544 करोड़)।
Q7. टीम इंडिया का सबसे लंबा स्पॉन्सर कौन रहा है?
👉 Sahara India Pariwar (2002–2014)।
Q8. यह डील किस वर्ष तक चलेगी?
👉 2028।
Q9. औसत प्रति मैच प्रायोजन राशि कितनी है?
👉 ₹4.77 करोड़।
Q10. अपोलो टायर्स किन अन्य खेलों से जुड़ा है?
👉 ISL (फुटबॉल) और मोटरस्पोर्ट्स।
Conclusion (निष्कर्ष)
अपोलो टायर्स और बीसीसीआई के बीच हुआ ₹579 करोड़ का यह करार भारतीय क्रिकेट इतिहास का एक ऐतिहासिक क्षण है। यह डील न केवल भारतीय क्रिकेट की बढ़ती ब्रांड वैल्यू को दर्शाती है बल्कि यह भी साबित करती है कि कंपनियों के लिए क्रिकेट अभी भी सबसे आकर्षक विज्ञापन मंच है। अपोलो टायर्स के लिए यह युवाओं और खेल प्रेमियों से जुड़ने की रणनीतिक पहल है। परीक्षार्थियों के लिए यह टॉपिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें खेल, अर्थव्यवस्था, कॉर्पोरेट रणनीति और नीतिगत बदलाव सभी पहलुओं का समावेश है।
Practice MCQs (अभ्यास प्रश्न)
Q1. टीम इंडिया का नया स्पॉन्सर कौन है?
(a) Dream11
(b) अपोलो टायर्स
(c) OPPO
(d) BYJU’s
👉 उत्तर: (b)
Q2. अपोलो टायर्स का करार कितनी राशि का है?
(a) ₹477 करोड़
(b) ₹544 करोड़
(c) ₹579 करोड़
(d) ₹600 करोड़
👉 उत्तर: (c)
Q3. इस डील में कितने मैच कवर किए गए हैं?
(a) 121
(b) 142
(c) 150
(d) 200
👉 उत्तर: (b)
Q4. पूर्व स्पॉन्सर कौन था?
(a) OPPO
(b) Dream11
(c) Sahara India
(d) Star India
👉 उत्तर: (b)
Q5. किन सेक्टर की कंपनियाँ बैन की गईं?
(a) FMCG
(b) बेटिंग, गेमिंग, क्रिप्टो, तंबाकू
(c) ऑटोमोबाइल
(d) टेलीकॉम
👉 उत्तर: (b)
Q6. दूसरे स्थान पर बोली लगाने वाली कंपनी कौन-सी थी?
(a) Birla Optus Paints
(b) JK Cements
(c) Canva
(d) Byju’s
👉 उत्तर: (c)
Q7. सबसे लंबा स्पॉन्सर कौन रहा है?
(a) OPPO
(b) Sahara India
(c) Star India
(d) Apollo Tyres
👉 उत्तर: (b)
Q8. अपोलो टायर्स की डील किस वर्ष तक चलेगी?
(a) 2026
(b) 2027
(c) 2028
(d) 2030
👉 उत्तर: (c)
Q9. औसत प्रति मैच राशि कितनी है?
(a) ₹3.5 करोड़
(b) ₹4.77 करोड़
(c) ₹5 करोड़
(d) ₹2 करोड़
👉 उत्तर: (b)
Q10. अपोलो टायर्स किन खेलों से पहले जुड़ा रहा है?
(a) हॉकी और कबड्डी
(b) फुटबॉल (ISL) और मोटरस्पोर्ट्स
(c) टेनिस और गोल्फ
(d) वॉलीबॉल और बैडमिंटन
👉 उत्तर: (b)
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