विश्व ओज़ोन दिवस 2025: विज्ञान से वैश्विक कार्रवाई तक|
विश्व ओज़ोन दिवस 2025 (परिचय)
विश्व ओज़ोन दिवस (World Ozone Day) हर साल 16 सितंबर को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह दिन हमें ओज़ोन परत के महत्व और उसके संरक्षण के लिए हुए वैश्विक प्रयासों की याद दिलाता है। पृथ्वी की ओज़ोन परत (Ozone Layer) एक प्राकृतिक ढाल है, जो हमें हानिकारक पराबैंगनी (UV-B) विकिरण से बचाती है और मानव स्वास्थ्य, कृषि तथा पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करती है।
2025 का विश्व ओज़ोन दिवस विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस वर्ष का थीम है – “विज्ञान से वैश्विक कार्रवाई तक (From Science to Global Action)”, जो वियना कन्वेंशन (Vienna Convention) की 40वीं वर्षगांठ को चिह्नित करता है। यह थीम इस बात पर जोर देती है कि जब दुनिया वैज्ञानिक प्रमाणों को मानकर सामूहिक कदम उठाती है, तो असंभव लगने वाली चुनौतियाँ भी हल हो सकती हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 1994 में 16 सितंबर को विश्व ओज़ोन दिवस घोषित किया था, जो 1987 में हस्ताक्षरित मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol) की सफलता को सम्मानित करता है। यह प्रोटोकॉल उन रसायनों (CFCs और अन्य ODS – Ozone Depleting Substances) पर रोक लगाने के लिए बनाया गया था, जो ओज़ोन परत को नुकसान पहुँचा रहे थे।
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➡️ इस प्रकार, विश्व ओज़ोन दिवस हमें न केवल अतीत की उपलब्धियों की याद दिलाता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सतत विकास (Sustainable Development) और पर्यावरण संरक्षण (Environmental Protection) के संकल्प को भी मज़बूत करता है।
📝 इतिहास और पृष्ठभूमि (History and Background)
विश्व ओज़ोन दिवस (World Ozone Day) का इतिहास सीधे तौर पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol) और वियना कन्वेंशन (Vienna Convention) से जुड़ा है।
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स्थापना (Establishment):
1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 16 सितंबर को आधिकारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय ओज़ोन परत संरक्षण दिवस घोषित किया। यह दिन विशेष रूप से 1987 के मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की सफलता को मान्यता देने के लिए चुना गया।
1987 में हस्ताक्षरित मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर्यावरणीय इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक संधियों में से एक है। इस प्रोटोकॉल का उद्देश्य उन रसायनों (ODS – Ozone Depleting Substances) जैसे क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs), हैलॉन्स, कार्बन टेट्राक्लोराइड और मीथाइल क्लोरोफॉर्म के उत्पादन और उपभोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना था, जो ओज़ोन परत को नष्ट करते हैं।
16 सितंबर 2009 को मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल और वियना कन्वेंशन दोनों को सार्वभौमिक अनुमोदन (Universal Ratification) प्राप्त हुआ। यह इतिहास में पहली बार था जब किसी पर्यावरणीय समझौते को विश्व के सभी 197 देशों द्वारा स्वीकार किया गया। इसने इसे सबसे सफल वैश्विक पर्यावरणीय समझौतों में शामिल कर दिया।
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आधार (Foundation):
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महत्वपूर्ण मील का पत्थर (Milestone):
📝 मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol)
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol) पर्यावरणीय इतिहास का एक ऐतिहासिक समझौता है, जिस पर 16 सितंबर 1987 को हस्ताक्षर किए गए थे। यह संधि विशेष रूप से ओज़ोन परत को नष्ट करने वाले रसायनों (Ozone Depleting Substances – ODS) को नियंत्रित और समाप्त करने के लिए बनाई गई थी।
मुख्य बिंदु:
किगाली संशोधन (Kigali Amendment – 2016)
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स्थापना वर्ष: 1987 (Montreal, Canada में हस्ताक्षरित)।
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लक्ष्य: ओज़ोन परत को नुकसान पहुँचाने वाले रसायनों के उत्पादन और खपत को चरणबद्ध तरीके से कम करना और अंततः समाप्त करना।
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प्रतिबंधित रसायन: लगभग 100 ODS जैसे —
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CFCs (Chlorofluorocarbons)
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Halons
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Carbon Tetrachloride
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Methyl Chloroform
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कार्यान्वयन: यह संधि सबसे व्यापक और प्रभावी अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय समझौते में से एक मानी जाती है क्योंकि सभी 197 देशों ने इसे अपनाया।
स्थापना वर्ष: 1987 (Montreal, Canada में हस्ताक्षरित)।
लक्ष्य: ओज़ोन परत को नुकसान पहुँचाने वाले रसायनों के उत्पादन और खपत को चरणबद्ध तरीके से कम करना और अंततः समाप्त करना।
प्रतिबंधित रसायन: लगभग 100 ODS जैसे —
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CFCs (Chlorofluorocarbons)
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Halons
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Carbon Tetrachloride
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Methyl Chloroform
कार्यान्वयन: यह संधि सबसे व्यापक और प्रभावी अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय समझौते में से एक मानी जाती है क्योंकि सभी 197 देशों ने इसे अपनाया।
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स्थान: किगाली, रवांडा (2016)।
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उद्देश्य: Hydrofluorocarbons (HFCs) को धीरे-धीरे हटाना।
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महत्व:
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HFCs ओज़ोन परत को नुकसान नहीं पहुँचाते, लेकिन वे ग्रीनहाउस गैसें हैं और ग्लोबल वार्मिंग क्षमता बहुत अधिक है।
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अनुमान है कि इनके नियंत्रण से 21वीं सदी के अंत तक वैश्विक तापमान में लगभग 0.5°C तक की कमी लाई जा सकती है।
स्थान: किगाली, रवांडा (2016)।
उद्देश्य: Hydrofluorocarbons (HFCs) को धीरे-धीरे हटाना।
महत्व:
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HFCs ओज़ोन परत को नुकसान नहीं पहुँचाते, लेकिन वे ग्रीनहाउस गैसें हैं और ग्लोबल वार्मिंग क्षमता बहुत अधिक है।
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अनुमान है कि इनके नियंत्रण से 21वीं सदी के अंत तक वैश्विक तापमान में लगभग 0.5°C तक की कमी लाई जा सकती है।
2025 की थीम: “विज्ञान से वैश्विक कार्रवाई तक”
40वीं वर्षगांठ: वियना कन्वेंशन की 40th Anniversary।
UN संदेश: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा – “जब हम विज्ञान की सुनते हैं तो प्रगति संभव होती है।”
वैश्विक कार्रवाई का प्रतीक: यह थीम दर्शाती है कि विज्ञान, नीति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से ओज़ोन परत को बचाया जा सकता है।
📝 ओज़ोन परत क्यों महत्वपूर्ण है? (Why is Ozone Layer Important?)
ओज़ोन परत (Ozone Layer) पृथ्वी के वायुमंडल की स्ट्रैटोस्फीयर (Stratosphere) में लगभग 10–40 किमी की ऊँचाई पर मौजूद गैस की एक परत है। यह परत हमारे जीवन के लिए ढाल (Protective Shield) का काम करती है।
1. UV-B विकिरण से सुरक्षा
2. मानव स्वास्थ्य की रक्षा
3. पारिस्थितिकी संतुलन
🚨 अगर ओज़ोन परत क्षतिग्रस्त हो तो परिणाम:
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सूर्य से आने वाली पराबैंगनी (Ultraviolet – UV-B) किरणों को रोकती है।
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यदि ये किरणें सीधे पृथ्वी पर पहुँचें तो जीवन के लिए अत्यंत हानिकारक होतीं।
सूर्य से आने वाली पराबैंगनी (Ultraviolet – UV-B) किरणों को रोकती है।
यदि ये किरणें सीधे पृथ्वी पर पहुँचें तो जीवन के लिए अत्यंत हानिकारक होतीं।
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ओज़ोन परत त्वचा को Skin Cancer से बचाती है।
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आँखों में मोतियाबिंद (Cataract) का खतरा कम करती है।
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DNA क्षति और प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को रोकती है।
ओज़ोन परत त्वचा को Skin Cancer से बचाती है।
आँखों में मोतियाबिंद (Cataract) का खतरा कम करती है।
DNA क्षति और प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को रोकती है।
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फसलों और कृषि उत्पादन को UV-B विकिरण से होने वाले नुकसान से बचाती है।
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समुद्री जीवन, विशेषकर फाइटोप्लांकटन (Phytoplankton), की रक्षा करती है जो समुद्री खाद्य श्रृंखला का आधार हैं।
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जैव विविधता (Biodiversity) को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
फसलों और कृषि उत्पादन को UV-B विकिरण से होने वाले नुकसान से बचाती है।
समुद्री जीवन, विशेषकर फाइटोप्लांकटन (Phytoplankton), की रक्षा करती है जो समुद्री खाद्य श्रृंखला का आधार हैं।
जैव विविधता (Biodiversity) को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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DNA क्षति: जीवित प्राणियों में आनुवंशिक विकार और कैंसर जैसी बीमारियों की वृद्धि।
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समुद्री जीवन पर असर: फाइटोप्लांकटन और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का असंतुलन।
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पारिस्थितिकी तंत्र पर गहरा प्रभाव: फसल उत्पादन घट सकता है, जिससे खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
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मानव स्वास्थ्य पर असर: त्वचा रोग, आँखों की बीमारियाँ और प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना।
DNA क्षति: जीवित प्राणियों में आनुवंशिक विकार और कैंसर जैसी बीमारियों की वृद्धि।
समुद्री जीवन पर असर: फाइटोप्लांकटन और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का असंतुलन।
पारिस्थितिकी तंत्र पर गहरा प्रभाव: फसल उत्पादन घट सकता है, जिससे खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
मानव स्वास्थ्य पर असर: त्वचा रोग, आँखों की बीमारियाँ और प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना।
ओज़ोन परत की वर्तमान स्थिति
ओज़ोन परत की स्थिति को नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय संस्थाएँ जैसे विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization – WMO) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) मॉनिटर करती हैं।
WMO रिपोर्ट 2024
भविष्य की संभावना-
2024 में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, अंटार्कटिका (Antarctica) के ऊपर ओज़ोन छिद्र (Ozone Hole) हाल के वर्षों की तुलना में अपेक्षाकृत छोटा और कम गहरा रहा।
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यह संकेत है कि मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल और उसके तहत लागू वैश्विक नीतियाँ प्रभावी हो रही हैं।
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वैज्ञानिक आकलन बताते हैं कि यदि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय नीतियाँ और नियंत्रण जारी रहते हैं तो:
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2045–2060 तक ओज़ोन परत पूरी तरह से 1980 के स्तर तक लौट सकती है।
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उत्तरी गोलार्ध में ओज़ोन परत की स्थिति अपेक्षाकृत जल्दी सुधरेगी, जबकि अंटार्कटिका के ऊपर इसका पुनर्निर्माण थोड़ा देर से होगा।
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सकारात्मक संकेत
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लगभग 99% Ozone Depleting Substances (ODS) का उपयोग वैश्विक स्तर पर बंद किया जा चुका है।
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उपग्रह अवलोकन और ग्राउंड-आधारित मॉनिटरिंग से स्पष्ट है कि ओज़ोन परत धीरे-धीरे मरम्मत हो रही है।
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मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का महत्व
सबसे सफल वैश्विक पर्यावरणीय संधि।
वैज्ञानिक निगरानी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का मॉडल।
ओज़ोन परत की मरम्मत के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन शमन में योगदान।
वैश्विक उपलब्धियाँ
लगभग 99% ODS का प्रयोग बंद हुआ।
अनुमान: 21वीं सदी के मध्य तक परत पूरी तरह से सुरक्षित हो जाएगी।
भारत और ओज़ोन संरक्षण
भारत मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का सदस्य है।
भारत ने CFCs और अन्य ODS पर प्रतिबंध लागू किया।
राष्ट्रीय ओज़ोन यूनिट (NOU) की स्थापना पर्यावरण मंत्रालय के अंतर्गत।
ODS phase-out के लिए तकनीकी और वित्तीय सहयोग।
परीक्षा दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण तथ्य
तिथि: 16 सितंबर (हर वर्ष)
स्थापना: 1994, संयुक्त राष्ट्र महासभा
पृष्ठभूमि: 1987 मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल
2025 थीम: विज्ञान से वैश्विक कार्रवाई तक
मील का पत्थर: 2009 में सार्वभौमिक अनुमोदन
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. विश्व ओज़ोन दिवस कब मनाया जाता है?
👉 हर वर्ष 16 सितंबर को।
Q2. 2025 की थीम क्या है?
👉 “विज्ञान से वैश्विक कार्रवाई तक”।
Q3. मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल कब हस्ताक्षरित हुआ?
👉 1987 में।
Q4. किगाली संशोधन किससे संबंधित है?
👉 HFCs को चरणबद्ध तरीके से हटाना।
Q5. ओज़ोन परत क्यों ज़रूरी है?
👉 यह UV-B किरणों से सुरक्षा देती है और स्वास्थ्य व पारिस्थितिकी की रक्षा करती है।
Conclusion (निष्कर्ष)
विश्व ओज़ोन दिवस हमें याद दिलाता है कि पर्यावरण संरक्षण केवल वैज्ञानिक शोध नहीं बल्कि सामूहिक कार्रवाई का परिणाम है। मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ने दिखाया कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग से वैश्विक संकटों का समाधान संभव है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यह विषय महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पर्यावरण, अंतरराष्ट्रीय समझौते और सतत विकास सभी का समावेश है।
Practice MCQs (अभ्यास प्रश्न)
Q1. विश्व ओज़ोन दिवस कब मनाया जाता है?
(a) 15 अगस्त
(b) 16 सितंबर
(c) 5 जून
(d) 22 अप्रैल
👉 उत्तर: (b)
Q2. विश्व ओज़ोन दिवस की स्थापना किस वर्ष हुई?
(a) 1992
(b) 1994
(c) 1987
(d) 2009
👉 उत्तर: (b)
Q3. 2025 का विश्व ओज़ोन दिवस का थीम क्या है?
(a) Ozone for Life
(b) From Science to Global Action
(c) Ozone and Climate
(d) Protect Nature
👉 उत्तर: (b)
Q4. मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल कब साइन हुआ?
(a) 1992
(b) 1987
(c) 1994
(d) 2000
👉 उत्तर: (b)
Q5. किगाली संशोधन किससे संबंधित है?
(a) Plastic Ban
(b) HFCs phase-out
(c) CFCs increase
(d) Coal phase-out
👉 उत्तर: (b)
Q6. ओज़ोन परत क्या रोकती है?
(a) Infrared rays
(b) UV-B rays
(c) Visible light
(d) Gamma rays
👉 उत्तर: (b)
Q7. भारत में ओज़ोन संरक्षण के लिए कौन सी यूनिट है?
(a) NOU
(b) NITI
(c) CPCB
(d) CSIR
👉 उत्तर: (a)
Q8. मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल और वियना कन्वेंशन को सार्वभौमिक अनुमोदन कब मिला?
(a) 2005
(b) 2007
(c) 2009
(d) 2012
👉 उत्तर: (c)
Q9. ओज़ोन परत कब तक पूरी तरह से रिकवर होने की संभावना है?
(a) 2030
(b) 2045–2060
(c) 2080
(d) 2100
👉 उत्तर: (b)
Q10. ओज़ोन परत क्षरण से कौन-सी बीमारी बढ़ती है?
(a) डायबिटीज
(b) त्वचा कैंसर
(c) अस्थमा
(d) हृदय रोग
👉 उत्तर: (b)
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