🪙 भारत में चाँदी के आभूषणों पर HUID आधारित हॉलमार्किंग 2025 शुरू |
चाँदी की हॉलमार्किंग क्या है ?
भारत सरकार ने 1 सितम्बर 2025 से चाँदी के आभूषणों और वस्तुओं पर HUID (Hallmarking Unique Identification) आधारित हॉलमार्किंग को स्वैच्छिक रूप से लागू किया है। यह कदम उपभोक्ताओं को सुरक्षित, पारदर्शी और भरोसेमंद खरीदारी का अधिकार देता है।
➡️ पहले यह व्यवस्था केवल सोने के आभूषणों पर लागू थी, लेकिन अब चाँदी को भी उसी डिजिटल ढाँचे में शामिल किया गया है।
HUID आधारित हॉलमार्किंग 2025
- भारत में चाँदी की हॉलमार्किंग की शुरुआत अक्टूबर 2005 में हुई थी।
- यह व्यवस्था IS 2112 मानक के अंतर्गत संचालित होती थी।
- बाद में उपभोक्ता हितों और वैश्विक मानकों को देखते हुए, IS 2112:2014 को संशोधित करके IS 2112:2025 लागू किया गया।
- इस संशोधन में नए शुद्धता ग्रेड (958 और 999) जोड़े गए और HUID कोड आधारित प्रणाली शुरू की गई।
HUID आधारित हॉलमार्किंग क्या है?
HUID (Hallmarking Unique Identification) एक 6 अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड है, जो प्रत्येक हॉलमार्क किए गए आभूषण को विशेष पहचान देता है।
उपभोक्ता को लाभ:
Department of Consumer Affairs (GoI) के अनुसार इस पहल की शुरुआत से निम्न लाभ हो सकते है |
1. पूर्ण ट्रैसेबिलिटी – हर आभूषण की यात्रा को ट्रैक किया जा सकता है।
2. डिजिटल सत्यापन – BIS Care App पर कोड डालकर या स्कैन करके शुद्धता की पुष्टि की जा सकती है।
3. पारदर्शिता – खरीदार को आभूषण की हॉलमार्किंग की तारीख, शुद्धता और पंजीकरण विवरण तुरंत उपलब्ध।
🔍 IS 2112:2014 बनाम IS 2112:2025
अधीक जानकारी के लिए आप सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://pib.gov.in/ पर जाकर देख सकते है |
चांदी की शुद्धता की जांच कैसे किया जाता है |
चांदी की शुद्धता की जांच के लिए सबसे विश्वसनीय तरीका है हॉलमार्किंग देखना। भारत में BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) द्वारा चांदी की शुद्धता को दर्शाने वाला हॉलमार्क दिया जाता है, जैसे कि 925 मतलब 92.5% शुद्ध चांदी। इसके अलावा, घरेलू तरीके भी हैं जिनसे चांदी की शुद्धता जांची जा सकती है, जैसे मैग्नेट टेस्ट, बर्फ टेस्ट, साउंड टेस्ट, पॉलिश टेस्ट, और एसिड टेस्ट।
चांदी की शुद्धता जांच के तरीके
हॉलमाहोल: चांदी के गहनों, सिक्के या बर्तनों पर "925" और BIS का निशान देखें। यह संकेत है कि वस्तु में 92.5% शुद्ध चांदी है। साथ में निर्माता और जांच केंद्र का कोड भी होता है जो प्रमाणिकता बढ़ाता है।
मैगनेट टेस्ट: चांदी चुम्बकीय नहीं होती, अगर वस्तु चुंबक को आकर्षित करता है तो वह नकली या मिलावट वाली हो सकती है।
बर्फ टेस्ट: चांदी अच्छी गर्मी चालक होती है। अगर चांदी की वस्तु पर बर्फ रखें और वह जल्दी पिघल जाए, तो वह असली हो सकती है।
साउंड टेस्ट: हल्के से थपथपाने पर शुद्ध चांदी से घंटे जैसी साफ आवाज आती है, जबकि नकली चांदी से भारी आवाज आती है।
पॉलिश टेस्ट: सफेद कपड़े से रगड़ने पर अगर कपड़े पर काले धब्बे पड़ें तो वह असली चांदी हो सकती है क्योंकि चांदी ऑक्सिडाइज होकर रंग छोड़ती है।
एसिड टेस्ट: ज्वैलर के पास खास रसायन से टेस्ट कराना सबसे भरोसेमंद होता है, इसमें चांदी के रंग में बदलाव से शुद्धता का पता चलता है।
हॉलमार्क के बिना चांदी की पहचान के लिए कुछ संभावित तरीके निम्न हैं:
मैग्नेट टेस्ट: चांदी चुंबकीय नहीं होती। अगर कोई वस्तु चुंबक से आकर्षित होती है तो वह नकली हो सकती है।
बर्फ टेस्ट: चांदी गर्मी और ठंड सही से संचारित करती है। बर्फ के टुकड़े को चांदी की वस्तु पर रखें, अगर जल्दी पिघलता है तो चांदी असली हो सकती है।
साउंड टेस्ट: चांदी को हल्के से थपथपाने पर घंटी जैसी साफ आवाज आती है, नकली चांदी में यह आवाज भारी या फटी-फटी होती है।
पॉलिश टेस्ट: सफेद कपड़े से चांदी को रगड़ने पर कपड़े पर काला धब्बा पड़ता है क्योंकि चांदी ऑक्सिडाइज होती है।
रंग और चमक: असली चांदी की सतह सामान्यत: थोड़ी धुंधली और ग्रेish होती है, बहुत ज्यादा चमक या सफेदी मिलावट का संकेत हो सकती है।
पानी में तैरना: असली चांदी की वस्तु पानी में डूबती है जबकि नकली हल्की होने पर तैर सकती है।
इन सामान्य घरेलू तरीकों से हॉलमार्क के बिना चांदी की शुद्धता और असलीपन का अंदाजा लगाया जा सकता है। बेहतर होगा कि पेशेवर टेस्ट या एसिड टेस्ट करवाएं जिससे शुद्धता सुनिश्चित होती है।
विशेषता IS 2112:2014 IS 2112:2025
- शुद्धता ग्रेड 800, 835, 900, 925, 970, 990, 800, 835, 925, 958, 970, 990, 999
- हॉलमार्क घटक 4 घटक :– BIS मार्क, शुद्धता, AHC ID, ज्वैलर ID
- 3 घटक :– BIS मार्क, शुद्धता, HUID कोड
- ट्रैसेबिलिटी मैनुअल/सीमित पूर्ण डिजिटल, BIS Care App
- सत्यापन स्थानीय स्तर पर राष्ट्रव्यापी, मोबाइल आधारित
📊 भारत में हॉलमार्किंग का वर्तमान ढाँचा (2025 तक)
- देशभर के 87 जिलों में 230 BIS मान्यता प्राप्त जांच एवं हॉलमार्किंग केंद्र (AHCs) कार्यरत।
- वित्त वर्ष 2024–25 में करीब 32 लाख चाँदी के आभूषण हॉलमार्क किए गए।
- BIS Care App के ज़रिये उपभोक्ता वास्तविक समय (real-time) में सत्यापन कर सकते हैं।
📢 हितधारकों की भागीदारी और जन-जागरूकता
- 7 अगस्त 2025 को BIS द्वारा परामर्श बैठक आयोजित की गई जिसमें 80+ प्रतिभागियों (ज्वैलर्स, AHC प्रतिनिधि, उपभोक्ता) ने भाग लिया।
- जागरूकता अभियान – सोशल मीडिया, शाखा कार्यालयों और सेमिनारों के माध्यम से BIS हॉलमार्किंग के लाभ समझा रहा है।
- उपभोक्ताओं और ज्वैलर्स को नए शुद्धता ग्रेड और HUID प्रणाली के बारे में जानकारी दी जा रही है।
🌍 अतिरिक्त तथ्य (UPSC दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण)
सोने की पहचान कैसे की जाती है?
सोने की पहचान के लिए आमतौर पर ये तरीके अपनाए जाते हैं:
हॉलमार्किंग: सोने की शुद्धता को प्रमाणित करने के लिए सोने के आभूषणों या सिक्कों पर हॉलमार्क लगाया जाता है, जो उनकी शुद्धता और गुणवत्ता का आधिकारिक प्रमाण होता है।
रासायनिक परीक्षण: विभिन्न रासायनिक विलायकों द्वारा सोने की शुद्धता और असलीपन को जांचा जाता है।
वैद्युत परीक्षण: सोने की विद्युत चालकता से उसकी शुद्धता की पहचान की जाती है।
दाग परीक्षण: सोने पर एक छोटा दाग बनाकर उसे विभिन्न परीक्षणों से असली या नकली होने का पता लगाया जाता है।
सोने की हॉलमार्किंग क्या है?
हॉलमार्किंग, सोने की शुद्धता और गुणवत्ता को प्रमाणित करने की एक आधिकारिक प्रक्रिया है, जिसे भारत में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
हॉलमार्क वाले सोने पर BIS का चिन्ह, सोने की कैरेट संख्या (जैसे 22K, 18K), हॉलमार्किंग सेंटर का निशान, ज्वेलर की पहचान चिह्न और एक हॉलमार्किंग यूनीक आईडी नंबर (HUID) अंकित होता है।
यह प्रक्रिया उपभोक्ताओं को सोने की शुद्धता के प्रति सुरक्षा और विश्वास देती है और धोखाधड़ी से बचाती है।
भारत में 15 जनवरी 2021 से सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य है, और 14K, 18K, 22K और 24K सोने के लिए यह प्रक्रिया लागू होती है।
कैसे जांचें कि सोना हॉलमार्क वाला है?
सोने के आभूषणों या सिक्कों पर साफ़ और स्पष्ट BIS हॉलमार्क होता है।
हॉलमार्क में BIS लोगो, शुद्धता चिह्न (जैसे 916 = 91.6% शुद्धता), HUID नंबर और ज्वेलर की पहचान होती है।
यदि हॉलमार्क धुंधला, असमान या संदिग्ध दिखे तो वह नकली हो सकता है।
BIS की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन भी हॉलमार्क की सत्यता चेक की जा सकती है।
इस प्रकार, हॉलमार्किंग सुनिश्चित करती है कि जो सोना खरीदा जा रहा है वह विश्वसनीय और निर्धारित मानकों के अनुरूप है, जिससे उपभोक्ता धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
भारत में हॉलमार्किंग का नियमन भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) करता है, जो कि Bureau of Indian Standards Act, 2016 के तहत स्थापित है। आप इनके आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अधिक जानकारी को प्राप्त कर सकते है |
- भारत विश्व में चाँदी के आभूषणों का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
- सोने की हॉलमार्किंग जुलाई 2021 से अनिवार्य है (चरणबद्ध तरीके से लागू)।
- चाँदी की हॉलमार्किंग अभी स्वैच्छिक है, लेकिन भविष्य में इसे भी अनिवार्य बनाने की योजना है।
- HUID कोड पूरी तरह से छेड़छाड़-रोधी (tamper-proof) होता है।
📝 परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु (Prelims + Mains)
- HUID आधारित चाँदी की हॉलमार्किंग – 1 सितम्बर 2025 से लागू।
- IS 2112:2025 ने IS 2112:2014 को प्रतिस्थापित किया।
- नए शुद्धत ग्रेड: 958 और 999।
BIS Care App – डिजिटल सत्यापन का माध्यम।
32 लाख आभूषण (2024–25) हॉलमार्क किए गए।
भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा चाँदी उपभोक्ता देश है ।
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