GDP क्या होता है?
GDP अर्थात् सकल घरेलू उत्पाद इसका मतलब है की —एक देश में एक साल में बनी सभी अंतिम (final) वस्तुओं व सेवाओं का कुल बाज़ार मूल्य। यह बताता है कि देश की अर्थव्यवस्था कितनी बड़ी है और कितनी तेज़ बढ़ रही है।
GDP कैसे निकाला जाता है? ( जीडीपी निकलने के तीन तरीके है )
1) Expenditure Method (सबसे लोकप्रिय)
सूत्र: GDP = C + I + G + (X − M)
C = Household का खर्च (consumption)
I = निवेश (machines, buildings, inventories)
G = सरकार का खर्च
X − M = निर्यात − आयात (नेट एक्सपोर्ट)
2) Production / Value-Added Method
हर सेक्टर (कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, सेवाएँ) में जो मूल्य बढ़ा (Value Added) उसका योग = GVA।
GDP = GVA + उत्पाद शुल्क/टैक्स − उत्पाद पर दी गई सब्सिडी।
3) Income Method
मजदूरी + ब्याज + किराया/रॉयल्टी + मुनाफ़ा + (उत्पाद कर − सब्सिडी) = GDP।
> इंडिया में व्यवहार में: राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) तीनों तरीकों का उपयोग करके तिमाही/वार्षिक GDP जारी करता है।
Nominal बनाम Real GDP (और Deflator)
Nominal GDP: चालू साल की कीमतों पर।
Real GDP: महँगाई (Inflation) निकालकर, base year की स्थिर कीमतों पर—तभी असली वृद्धि दिखती है।
GDP Deflator = (Nominal ÷ Real) × 100 → बताता है कि कीमतें कितनी बदलीं।
Per Capita GDP और PPP
Per Capita GDP = GDP ÷ जनसंख्या → औसतन एक व्यक्ति पर आय/उत्पादन का स्तर।
PPP (Purchasing Power Parity): अलग-अलग देशों की कीमतों का फर्क निकाल कर तुलना—आंतरिक क्रय-शक्ति को बेहतर दिखाता है। अंतरराष्ट्रीय तुलना के लिए PPP बहुत उपयोगी है।
देशहित में GDP का महत्व
नीति व बजट: टैक्स/सब्सिडी/कल्याण योजनाएँ यथार्थ आँकड़ों पर बनती हैं।
नौकरी व निवेश: तेज़ GDP, व्यवसाय और रोजगार के बेहतर अवसर।
क्रेडिट रेटिंग/बॉन्ड लागत: मज़बूत वृद्धि से उधारी सस्ती।
केंद्र-राज्य समन्वय: राजस्व साझा, योजनाओं की प्राथमिकता तय।
अंतरराष्ट्रीय स्थिति: G20/WTO/IMF में प्रभाव।
> सीमाएँ: GDP असमानता, पर्यावरण क्षति, अनौपचारिक काम, घरेलू देखभाल जैसे unpaid कार्य को नहीं मापता। इसलिए HDI, गरीबी, बेरोज़गारी, पर्यावरण संकेतक भी साथ देखने चाहिए।
दुनिया की GDP स्थिति (2025, नाममात्र डॉलर–Nominal)
MF WEO (April 2025) के अनुमान के मुताबिक शीर्ष अर्थव्यवस्थाएँ:
1. अमेरिका ~ $30.5 ट्रिलियन
2. चीन ~ $19.2 ट्रिलियन
3. जर्मनी ~ $4.74 ट्रिलियन
4. भारत ~ $4.19 ट्रिलियन
5. जापान ~ $4.18 ट्रिलियन
6. यूके ~ $3.84 ट्रिलियन
(आगे: फ्रांस, इटली, कनाडा, ब्राज़ील)
PPP (क्रय-शक्ति समता) में: चीन #1, अमेरिका #2, भारत #3—यानी घरेलू क्रय-शक्ति के हिसाब से भारत बहुत बड़ा बाज़ार है।
*रैंकिंग/आकार विनिमय दर व
महँगाई से बदलते रहते हैं—इसलिए PPP और Real
GDP साथ देखें।
भारत की वर्तमान स्थिति (संक्षेप में, 2025)
आकार (Nominal): IMF के अनुसार 2025 में भारत लगभग $4.19 ट्रिलियन पर है और चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में जापान के ऊपर आ खड़ा हुआ है (projection)।
वृद्धि दर (Real): IMF ने 2025 के लिए भारत की वास्तविक GDP वृद्धि ~6.2–6.4% आंकी; वहीं NSO (भारत) के ताज़ा आँकड़ों के अनुसार FY26 Q1 (अप्रैल–जून 2025) में 7.8% की सालाना वृद्धि दर्ज हुई।
PPP में रैंक: भारत #3—यह दिखाता है कि घरेलू खरीद शक्ति के हिसाब से भारत दुनिया में बहुत ऊँचे पायदान पर है।
Base Year (भारत): अभी राष्ट्रीय खातों की बेस-ईयर 2011-12 है; सरकार ने 2022-23 को नया बेस-ईयर बनाने का प्रस्ताव दिया है और नई श्रृंखला 2026 की शुरुआत में जारी करने की योजना बताई है।
भारत: सेक्टर-वार समझ
सेवाएँ (IT, वित्त, रिटेल, लॉजिस्टिक्स) – GDP का सबसे बड़ा हिस्सा।
निर्माण व विनिर्माण – PLI, इंफ्रास्ट्रक्चर, और ऊर्जा पर निवेश से गति।
कृषि – रोज़गार में बड़ा योगदान, उत्पादकता सुधार अहम।
निर्यात – सेवाओं (IT/Global Capability Centers) और कुछ विनिर्माण वर्गों में बढ़त।
ताज़ा संकेतक: FY26 Q1 में विनिर्माण ~7.7% और निर्माण ~7.6% (Real GVA) बढ़े—घरेलू मांग व कैपेक्स का सपोर्ट दिखता है।
परीक्षा/इंटरव्यू/ब्लॉग के लिए शॉर्ट-नोट्स
GDP = C + I + G + (X − M)
Nominal vs Real (Deflator से Real निकलेगा)
PPP व Per Capita: जीवन-स्तर/क्रय-शक्ति की बेहतर तुलना
भारत 2025 (Nominal): #4 ~ $4.19T; PPP: #3
FY26 Q1 India Real GDP: 7.8% (NSO)
Base Year अपडेट प्रस्ताव: 2011-12 → 2022-23 (नई श्रृंखला 2026 में)
FAQs (सरल जवाब) |
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Q1. क्या GDP बढ़ना हमेशा अच्छा है? | आम तौर पर हाँ—रोज़गार/आय/राजस्व बढ़ते हैं। मगर समावेशी, टिकाऊ वृद्धि चाहिए—वरना असमानता/पर्यावरणीय नुकसान बढ़ सकते हैं। |
Q2. Nominal और Real में कौन सा बेहतर? | Real GDP—क्योंकि यह महँगाई का असर हटाकर असली वृद्धि दिखाता है। |
Q3. PPP क्यों देखें? | PPP घरेलू कीमतों का फर्क हटाता है, इसलिए देश की आंतरिक क्षमता/बाज़ार आकार समझने में मदद करता है। |
Q4. भारत की रैंकिंग क्या है? | 2025 में Nominal में #4, PPP में #3 (IMF अनुमान के अनुसार)। |
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