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56 वे GST परिषद बैठक सितंबर 2025 : नई दिल्ली ,क्या है दो स्तरीय GST संरचना |

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"56वीं GST परिषद बैठक सितंबर 2025: नए सुधार और दो-स्तरीय GST संरचना लागू | व्यापारियों और उपभोक्ताओं पर असर दर्शाता हुआ इन्फोग्राफिक"

56वीं जीएसटी परिषद बैठक (सितंबर 2025): नए सुधार और मुख्य फैसले |लागू हो गया दो स्तरीय GST संरचना|

भारत की 56वीं जीएसटी परिषद बैठक, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में की, को जीएसटी लागू होने के बाद अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार माना जा रहा है। यह बैठक 4 सितंबर 2025 तक चली और इसमें अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों पर गहन चर्चा हुई। इस GST परिषद के फैसले से आम जनता को महंगाई से थोड़ी राहत मिल सकती है ,गंभीर बीमारियो का इलाज अब सस्ते दामों पर किया जा सकेगा |अब से जो चार प्रकार की कर लगती थी उसको खत्म करके मात्र दो कर दिया गया है |

बैठक का प्रमुख निर्णय चार कर स्लैब को घटाकर केवल दो मुख्य दरों (5% और 18%) में बदलना और विलासिता व हानिकारक वस्तुओं पर 40% का नया स्लैब लागू करना रहा। इसका उद्देश्य मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत देना, व्यवसायों के लिए अनुपालन को सरल बनाना और सरकार की कर वसूली प्रणाली को मजबूत करना है।

दो-स्तरीय जीएसटी संरचना क्या है ?

12% और 28% स्लैब समाप्त कर दिए गए।

अब केवल 5% और 18% की दरें रहेंगी।

विलासिता और पाप वस्तुओं पर 40% कर लगेगा।

इस बदलाव से टैक्स सिस्टम पारदर्शी और व्यवसाय करने में आसानी होगी।

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए राहत |

हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, साबुन, टूथब्रश, शेविंग क्रीम, बर्तन आदि पर टैक्स 18% से घटाकर 5% किया गया।मक्खन, घी, पनीर और डेयरी स्प्रेड पर 12% से घटाकर 5% कर। नमकीन, भुजिया, बच्चों की बोतल, क्लिनिकल डायपर और सिलाई मशीन भी 5% स्लैब में शामिल।👉 इससे मध्यम वर्गीय परिवारों के मासिक खर्च में कमी आएगी।


किसानों को भी अब मिलेगा लाभ |

* ट्रैक्टर, टायर, कीटनाशक, जैव पोषक तत्व, ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर को 5% कर दायरे में लाया गया।कृषि उपकरणों की लागत कम होगी और खेती-किसानी अधिक किफायती बनेगी।


स्वास्थ्य क्षेत्र पर बड़ा निर्णय लिया गया |

*  जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को पूरी तरह जीएसटी मुक्त किया गया।

*  थर्मामीटर, ग्लूकोमीटर, मेडिकल ऑक्सीजन और चश्मे पर अब केवल 5% टैक्स।

33 जीवनरक्षक दवाओं को  पूरी तरह टैक्स-मुक्त कर दिया गया ।

*  गंभीर बीमारियों की महंगी दवाओं को भी Nil Tax Category में रखा गया। इससे आम मरीजों को इलाज सस्ता मिलेगा।

* छोटी कारें, हाइब्रिड वाहन, 350cc तक की बाइक, तिपहिया वाहन, ट्रक और एम्बुलेंस पर टैक्स 28% से घटाकर 18%।

* टीवी, एयर कंडीशनर, डिशवॉशर, मॉनिटर और प्रोजेक्टर पर भी टैक्स 28% से घटकर 18%।

* इससे वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक सामान की कीमतें कम होंगी और मांग बढ़ेगी।

40% का एक  विशेष स्लैब बनाया गया है |

*  सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, पान मसाला, सॉफ्ट ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स, लग्जरी कार, 350cc से ऊपर की बाइक, प्राइवेट विमान, यॉट और हथियार पर 40% जीएसटी।

*  कैसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाज़ी पर भी 40% टैक्स लागू।

*  यह कदम राजस्व बढ़ाने और आवश्यक वस्तुओं को सस्ता बनाए रखने के लिए लिया गया।

किन किन  क्षेत्रों में टैक्स बढ़ा है ?

* कोयला, लिग्नाइट और पीट: 5% से बढ़ाकर 18%।

* पेपर और पेपरबोर्ड: 12% से 18%।

* ₹2,500 से ऊपर के कपड़े और रजाइयाँ: 12% से 18%।

अनुपालन और रिफंड प्रक्रिया

* कम जोखिम वाले व्यवसायों को 3 दिन में ऑटो-जीएसटी रजिस्ट्रेशन।

* 90% रिफंड स्वचालित रूप से नवंबर 2025 से।

*  निर्यातकों के लिए कर वापसी की सीमा हटाई गई।

कानूनी और संस्थागत सुधार

* जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) 2025 के अंत तक काम करना शुरू करेगा।

* अपील दाखिल करने की अंतिम तिथियाँ और सुनवाई की रूपरेखा तय।

* धारा 15 और 34 में बदलाव कर क्रेडिट नोट और छूट से जुड़े विवादों को कम किया गया।

जीएसटी (GST) कब लागू हुआ और इसका इतिहास | 

जीएसटी कब लागू हुआ?

==> भारत में वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax – GST) 1 जुलाई 2017 को आधिकारिक रूप से लागू किया गया।
==> इसे “One Nation, One Tax, One Market” की संकल्पना पर आधारित बताया गया।
==> जीएसटी ने केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले अनेक अप्रत्यक्ष करों को समाप्त कर दिया और उनकी जगह एक एकीकृत कर प्रणाली लागू हुई।

जीएसटी से पहले की कर व्यवस्था

जीएसटी से पहले भारत की कर व्यवस्था बहुत जटिल थी। केंद्र सरकार: एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, कस्टम ड्यूटी
राज्य सरकारें: वैट (VAT), एंट्री टैक्स, लगान, मनोरंजन कर, लक्ज़री टैक्स, खरीद कर, इसका नतीजा यह हुआ कि एक ही वस्तु या सेवा पर कई स्तरों पर टैक्स लगते थे (Cascading Effect), जिससे महँगाई और जटिलता दोनों बढ़ती थीं।

जीएसटी का इतिहास और विकास

वर्ष 2000.
>>>>>  तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जीएसटी लागू करने के लिए टास्क फोर्स बनाया।
वर्ष 2004 .
>>>> केलकर समिति (Kelkar Task Force on FRBM) ने सुझाव दिया कि भारत को एक एकीकृत कर प्रणाली (GST) की ओर बढ़ना चाहिए।
वर्ष 2006
>>>> तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 2010 तक जीएसटी लागू करने का लक्ष्य रखा।
वर्ष 2011.
>>>>  संविधान संशोधन विधेयक (115वां संविधान संशोधन) संसद में पेश हुआ लेकिन पारित नहीं हो पाया।
वर्ष 2014.
>>>>>  नई सरकार ने 122वाँ संविधान संशोधन विधेयक पेश किया।
वर्ष 2016.
राज्यसभा और लोकसभा दोनों में यह विधेयक पारित हुआ।.
 >>>>>>  101वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के माध्यम से जीएसटी का कानूनी ढाँचा बना।
वर्ष 2017.
>>>>   राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में संसद भवन में विशेष सत्र आयोजित कर 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया गया।
जीएसटी की मुख्य विशेषताएँ.
1. एक राष्ट्र, एक कर: पूरे देश में एक समान कर प्रणाली।
2. गंतव्य आधारित कर (Destination-based tax): टैक्स उस राज्य को मिलेगा जहाँ वस्तु या सेवा उपभोग की जाएगी।
3. मल्टी-स्टेज टैक्स: उत्पादन से उपभोग तक हर चरण में कर वसूला जाता है, लेकिन इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा मिलती है।
4. डिजिटल अनुपालन: पंजीकरण, रिटर्न और भुगतान ऑनलाइन।
5. जीएसटी परिषद: केंद्र और राज्यों की संयुक्त संस्था, जो दरें और नीतियाँ तय करती है।

जीएसटी भारत में 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ। यह लगभग 17 तरह के केंद्र और राज्य करों को मिलाकर एकीकृत कर प्रणाली है। इसका उद्देश्य था —

==> कर संरचना को सरल बनाना,

==> कर चोरी को रोकना,

==> व्यवसाय करने में आसानी (Ease of Doing Business) बढ़ाना,और उपभोक्ताओं को “डबल टैक्सेशन” से राहत देना।

समग्र प्रभाव और निष्कर्ष

56वीं जीएसटी परिषद बैठक के फैसलों से यह साफ है कि भारत एक सरल, पारदर्शी और संतुलित टैक्स ढाँचे की ओर बढ़ रहा है।

आम उपभोक्ता: ज़रूरी सामान और सेवाएँ सस्ती।

किसान: कृषि लागत कम → आय बढ़ेगी।

स्वास्थ्य क्षेत्र: इलाज और बीमा किफायती।

उद्योग और व्यापार: जटिलता कम, मांग बढ़ेगी।

सरकार: 40% स्लैब से राजस्व स्थिर रहेगा।


👉 कुल मिलाकर, यह सुधार भारत की अर्थव्यवस्था को उपभोग-आधारित वृद्धि की दिशा में आगे ले जाएगा और “One Nation, One Tax, One Market” के विज़न को और मजबूत करेगा।