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भारत के सात नए स्थल यूनेस्को की सूची में हुआ शामिल |

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भारत के 7 नए प्राकृतिक धरोहर स्थल यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल (2025)


परिचय: भारत की धरोहर और वैश्विक मान्यता

भारत हजारों वर्षों की सांस्कृतिक परंपरा, स्थापत्य कला, प्राकृतिक विविधता और सभ्यताओं का संगम है। यही कारण है कि भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में है जिनके पास UNESCO World Heritage Sites की बड़ी संख्या है। अब तक भारत के कई ऐतिहासिक स्मारक, प्राकृतिक स्थल और सांस्कृतिक धरोहरें विश्व धरोहर सूची में शामिल हो चुकी हैं।

12 सितम्बर 2025 को भारत ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया जब उसने 7 नए प्राकृतिक स्थलों को यूनेस्को की Tentative List (अस्थायी सूची) में शामिल कराया। इस घोषणा के साथ भारत की अस्थायी सूची में कुल प्रविष्टियाँ 69 हो गईं — जिनमें 49 सांस्कृतिक, 17 प्राकृतिक और 3 मिश्रित स्थल शामिल हैं।

इससे भारत की वैश्विक धरोहर दृश्यता, सांस्कृतिक कूटनीति और पर्यावरण संरक्षण की प्रतिबद्धता और मजबूत हुई है।

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"Infographic map of India showing all 42 UNESCO World Heritage Sites (1983–2025) categorized as Cultural, Natural, and Mixed with state-wise labels and years."dailyprime247.com


यूनेस्को Tentative List क्या है?

परिभाषा

Tentative List वह आधिकारिक सूची है, जिसे कोई भी देश यूनेस्को को प्रस्तुत करता है, ताकि आगे चलकर उन स्थलों को World Heritage Sites में नामांकित किया जा सके। किसी भी स्थल को विश्व धरोहर स्थल घोषित करने से पहले उसका Tentative List में होना अनिवार्य है।

उद्देश्य

  1. वैज्ञानिक मूल्यांकन: यह सुनिश्चित करने के लिए कि स्थल का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्व प्रमाणित हो।

  2. संरक्षण योजना: उस स्थल के दीर्घकालिक संरक्षण की रणनीति तैयार की जा सके।

  3. वैश्विक मान्यता: दुनिया को यह संदेश कि यह स्थल मानवता के लिए असाधारण मूल्य रखता है।

  4. पर्यटन और विकास: धरोहर स्थल बनने से पर्यटन में वृद्धि और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती।

भारत के लिए महत्व

भारत जैसे विविधता से भरपूर देश में Tentative List से न केवल धरोहर संरक्षण को बढ़ावा मिलता है बल्कि यह भारत की सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक कूटनीति को भी मजबूत करता है।

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2025 में शामिल 7 नए प्राकृतिक धरोहर स्थल

1. डेक्कन ट्रैप्स (पंचगनी और महाबलेश्वर, महाराष्ट्र)

  • विशेषता: यह दुनिया के सबसे बड़े ज्वालामुखीय क्षेत्रों में से एक है। लगभग 66 मिलियन वर्ष पहले हुए विशाल ज्वालामुखीय विस्फोट से बना।

  • वैज्ञानिक महत्व: डेक्कन ट्रैप्स का संबंध डायनासोर के विलुप्त होने से भी जोड़ा जाता है।

  • पर्यटन महत्व: महाबलेश्वर और पंचगनी हिल स्टेशन पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध हैं।

  • पर्यावरणीय भूमिका: जैव विविधता का केंद्र, यहाँ कई विशिष्ट पौधे और जीव पाए जाते हैं।

2. सेंट मैरीज़ द्वीप समूह (उदुपी, कर्नाटक)

  • विशेषता: यहाँ पाए जाने वाले हेक्सागोनल बेसाल्टिक कॉलम भारत में अद्वितीय हैं।

  • वैज्ञानिक महत्व: यह स्थल भारत-अफ्रीका भूगर्भीय इतिहास और महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत (Plate Tectonics) को समझने में मदद करता है।

  • पर्यटन महत्व: यह द्वीप समुद्र तट पर्यटन और भू-पर्यटन (Geo-tourism) का केंद्र है।

3. मेघालयन युग की गुफाएँ (ईस्ट खासी हिल्स, मेघालय)

  • विशेषता: यह गुफाएँ विश्व की सबसे लंबी और अनोखी गुफा प्रणालियों में गिनी जाती हैं।

  • वैज्ञानिक महत्व: इनका संबंध मेघालयन युग (4200 वर्ष पूर्व) से है, जो पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है।

  • संरक्षण महत्व: यहाँ जीवविविधता और जलवायु अध्ययन की अपार संभावनाएँ हैं।

4. नागा हिल ओफियोलाइट (किफ़िरे, नागालैंड)

  • विशेषता: यह स्थल महासागरीय क्रस्ट (Oceanic Crust) का एक दुर्लभ उदाहरण है।

  • वैज्ञानिक महत्व: Plate Tectonics और Earth Crust Dynamics के अध्ययन के लिए बेहद उपयोगी।

  • सांस्कृतिक पहलू: नागा जनजातियों की सांस्कृतिक विरासत के बीच स्थित यह स्थल स्थानीय पहचान को भी दर्शाता है।

5. एर्रा मट्टी डिब्बालु (विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश)

  • विशेषता: यह लाल रेतीले टीलों का भू-आकृतिक स्थल है।

  • वैज्ञानिक महत्व: यह स्थल समुद्री और वायवीय प्रक्रियाओं से बनी प्राकृतिक संरचना का उदाहरण है।

  • पर्यटन महत्व: यह स्थल भूविज्ञान छात्रों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

6. तिरुमला हिल्स (तिरुपति, आंध्र प्रदेश)

  • विशेषता: तिरुपति-बालाजी मंदिर से प्रसिद्ध यह स्थल प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों ही दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

  • वैज्ञानिक महत्व: यहाँ विविध जैवविविधता पाई जाती है।

  • सांस्कृतिक महत्व: हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थस्थल।

  • पर्यावरणीय महत्व: यह स्थल भारत की जैव विविधता नीति के लिए अहम।

7. वर्कला क्लिफ (वर्कला, केरल)

  • विशेषता: यह तटीय क्षेत्र लाल लैटराइट क्लिफ और जीवाश्म युक्त तलछटों से बना है।

  • वैज्ञानिक महत्व: यहाँ समुद्री भूगर्भीय अध्ययन की अपार संभावनाएँ हैं।

  • पर्यटन महत्व: वर्कला बीच भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।


यूनेस्को Tentative List का महत्व

वैश्विक मान्यता

Tentative List से ही स्थल का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन होता है। इससे भारत के धरोहर स्थल विश्व मंच पर पहचान पाते हैं।

संरक्षण

Tentative List में आने से स्थल के संरक्षण हेतु योजनाएँ और फंडिंग में सहायता मिलती है।

पर्यटन

विश्व धरोहर स्थल बनने से पर्यटक संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होती है।

स्थानीय विकास

धरोहर स्थल स्थानीय रोजगार, हस्तशिल्प, गाइड सेवाओं और बुनियादी ढाँचे के विकास में योगदान देते हैं।


भारत की अद्यतन Tentative List (सितम्बर 2025)


भारत की सांस्कृतिक कूटनीति और वैश्विक महत्व

भारत ने इस घोषणा को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व Twitter) के माध्यम से साझा किया। यह कदम भारत की सांस्कृतिक कूटनीति (Cultural Diplomacy) और सॉफ्ट पावर को दर्शाता है।

प्रभाव

  1. वैश्विक पहचान: भारत की धरोहरों को अंतरराष्ट्रीय पहचान।

  2. पर्यटन विकास: विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि।

  3. आर्थिक लाभ: स्थानीय समुदायों की अर्थव्यवस्था मजबूत।

  4. पर्यावरण संरक्षण: प्राकृतिक स्थलों के संरक्षण पर बल।


प्रमुख तथ्य (Exam के लिए Important)

  • घोषणा की तिथि: 12 सितम्बर 2025

  • घोषणा करने वाला प्राधिकरण: भारत का स्थायी प्रतिनिधिमंडल, UNESCO

  • नई प्रविष्टियाँ: 7 प्राकृतिक धरोहर स्थल

  • कुल प्रविष्टियाँ: 69 (49 सांस्कृतिक, 17 प्राकृतिक, 3 मिश्रित)


परीक्षा दृष्टिकोण से (Bullet Points)

  • Tentative List में शामिल हुए बिना कोई भी स्थल विश्व धरोहर स्थल नहीं बन सकता।

  • ASI ने सभी स्थलों का वैज्ञानिक मूल्यांकन प्रस्तुत किया।

  • भारत की संस्कृति, जैव-विविधता और पारिस्थितिकीय विविधता को वैश्विक सम्मान मिला।

  • ये स्थल पर्यटन को बढ़ावा देंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे।


FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रश्न 1: यूनेस्को की अस्थायी सूची में स्थल का महत्व क्या है?
उत्तर: यह सूची स्थल को विश्व धरोहर घोषित करने से पूर्व आवश्यक है। इससे संरक्षण, वैज्ञानिक मूल्यांकन और वैश्विक मान्यता सुनिश्चित होती है।

प्रश्न 2: 2025 तक भारत की अस्थायी सूची में कितनी प्रविष्टियाँ हैं?
उत्तर: कुल 69 — 49 सांस्कृतिक, 17 प्राकृतिक और 3 मिश्रित।

प्रश्न 3: 2025 में कौन-कौन से 7 नए स्थल शामिल हुए?
उत्तर: डेक्कन ट्रैप्स, सेंट मैरीज़ द्वीप, मेघालयन गुफाएँ, नागा हिल ओफियोलाइट, एर्रा मट्टी डिब्बालु, तिरुमला हिल्स और वर्कला क्लिफ।

प्रश्न 4: इस घोषणा का भारत के लिए क्या महत्व है?
उत्तर: यह भारत की सांस्कृतिक शक्ति, वैश्विक धरोहर दृश्यता और पर्यटन के लिए नए अवसर प्रदान करती है।

प्रश्न 5: किस प्राधिकरण ने सूची जारी की?
उत्तर: भारत का स्थायी प्रतिनिधिमंडल (UNESCO) और ASI

प्रश्न 6: तिरुमला हिल्स का विशेष महत्व क्या है?
उत्तर: यह जैव विविधता और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 7: एर्रा मट्टी डिब्बालु किस प्राकृतिक प्रक्रिया से बनी?
उत्तर: हवा और पानी की प्राकृतिक विघटन प्रक्रिया से।


MCQs (Exam Practice)

  1. भारत के किन स्थलों को 2025 में यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल किया गया?
    (a) कुंभ मेला
    (b) डेक्कन ट्रैप्स, सेंट मैरीज़ द्वीप आदि ✅

  2. यूनेस्को Tentative List में भारत की कुल प्रविष्टियाँ कितनी हैं?
    (a) 44
    (b) 69 ✅

  3. ASI का पूर्ण नाम क्या है?
    (a) Archaeological Study of India
    (b) Archaeological Survey of India ✅

  4. एर्रा मट्टी डिब्बालु किस राज्य में है?
    (a) उत्तर प्रदेश
    (b) आंध्र प्रदेश ✅

  5. वर्कला क्लिफ किस राज्य में स्थित है?
    (a) कर्नाटक
    (b) केरल ✅

  6. मेघालयन गुफाएँ किस जिले में हैं?
    (a) ईस्ट खासी हिल्स ✅
    (b) वेस्ट गारो हिल्स

  7. Tentative List में होना क्यों आवश्यक है?
    (a) पर्यटन के लिए
    (b) विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए ✅

  8. घोषणा किस मंच पर की गई?
    (a) Instagram
    (b) X (Twitter) ✅

  9. नागा हिल ओफियोलाइट किस राज्य का हिस्सा है?
    (a) नागालैंड ✅
    (b) मणिपुर

  10. मिश्रित श्रेणी में भारत की कितनी प्रविष्टियाँ हैं?
    (a) 7
    (b) 3 ✅


निष्कर्ष 

भारत की धरोहरें न केवल देश के लिए बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। 2025 में 7 नए प्राकृतिक स्थलों के Tentative List में जुड़ने से भारत की कुल संख्या 69 हो गई है। यह कदम भारत की वैश्विक धरोहर दृश्यता, सांस्कृतिक कूटनीति और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मजबूत पहल है। प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टिकोण से, यह विषय संविधान, संस्कृति और समसामयिक घटनाओं तीनों को जोड़ता है, इसलिए इसे विशेष रूप से पढ़ना आवश्यक है।