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पियूष गोयल को मिला खनन सचिव का पद भार |

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 05 सितम्बर 2025 को पीयूष गोयल ने खनन सचिव का पदभार संभाला

पियूष गोयल को मिला खनन सचिव का पद भार |

भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक फेरबदल करते हुए आईएएस अधिकारी पीयूष गोयल (नागालैंड कैडर, 1994 बैच) को खनन मंत्रालय का नया सचिव नियुक्त किया है। उन्होंने 4 सितम्बर 2025 को औपचारिक रूप से कार्यभार ग्रहण किया। यह जिम्मेदारी उन्हें श्री वी.एल. कंथा राव (आईएएस, 1992 बैच) के स्थान पर मिली है, जिन्हें अब जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग का सचिव बनाया गया है।

पीयूष गोयल की पृष्ठभूमि

  • खनन मंत्रालय में आने से पहले, श्री गोयल गृह मंत्रालय के अधीन नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) थे। NATGRID में उनके कार्यकाल के दौरान:
  1. सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के बीच डेटा इंटीग्रेशन व समन्वय को मज़बूत किया गया।
  2. तकनीकी-आधारित शासन को बढ़ावा मिला।
  3. राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे को अधिक प्रभावी और आधुनिक बनाया गया।

उनकी पहचान एक ऐसे अधिकारी के रूप में है जो:

  • विभिन्न एजेंसियों के बीच सुदृढ़ समन्वय स्थापित करते हैं।
  • डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन प्रशासन पर जोर देते हैं।
  • विकास और सुरक्षा के बीच संतुलित दृष्टिकोण अपनाते हैं।
* खनन मंत्रालय में उनके आने से उम्मीद है ,कि खनिज संसाधन प्रबंधन, डिजिटलीकरण और नियामक सुधारों में नई ऊर्जा देखने को मिलेगी।

श्री गोयल ने जिस श्री वी.एल. कंथा राव का स्थान लिया है, उनके कार्यकाल में निम्न कार्य हुए है :

  • महत्वपूर्ण खनिजों की खोज का दायरा बढ़ा।

  • राष्ट्रीय खनिज नीति के तहत कई सुधार लागू हुए।

  • खनन क्षेत्र में निजी निवेश और भागीदारी को बढ़ावा मिला।
यह बदलाव केंद्र सरकार की उस रणनीति को दर्शाता है जिसमें रणनीतिक और संसाधन-समृद्ध मंत्रालयों में अनुभवी अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाती है।

परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य :

  • पीयूष गोयल (IAS, 1994 बैच, नागालैंड कैडर) – 4 सितम्बर 2025 को खनन सचिव बने।
  • इससे पहले – NATGRID के CEO थे।
  • उन्होंने वी.एल. कंथा राव (IAS, 1992 बैच) का स्थान लिया, जिन्हें जल संसाधन विभाग का सचिव नियुक्त किया गया।
  • महत्वपूर्ण खनिजों की खोज का दायरा बढ़ा।
  • राष्ट्रीय खनिज नीति के तहत कई सुधार लागू हुए।
  • खनन क्षेत्र में निजी निवेश और भागीदारी को बढ़ावा मिला |
यह बदलाव केंद्र सरकार की उस रणनीति को दर्शाता है जिसमें रणनीतिक और संसाधन-समृद्ध मंत्रालयों में अनुभवी अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाती है।


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